एलाजील सिंड्रोम एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें लिवर, दिल और शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं। इसमें लिवर में पित्त नलिकाओं की समस्या होती है, जिससे पित्त लिवर में जमा हो जाता है और लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। आइए नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ रेयर डिसऑर्डर से जानें क्या हैं इसके लक्षण और कारण।
पित्त नलिकाओं की समस्या
सामान्य रूप से पित्त नलिकाएं लिवर से पित्त को बाहर निकालती हैं, लेकिन इस सिंड्रोम में ये नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पित्त लिवर में ही जमा हो जाता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन बढ़ सकते हैं।
एलाजील सिंड्रोम के कारण
एलाजील सिंड्रोम मुख्य रूप से जीन में गड़बड़ी के कारण होता है। JAG1 जीन की गड़बड़ी इस सिंड्रोम का मुख्य कारण है। कुछ मामलों में NOTCH2 जीन भी कारण बन सकता है। यह बीमारी आनुवांशिक रूप से माता-पिता से बच्चों में फैल सकती है।
एलाजील सिंड्रोम के लक्षण
एलाजील सिंड्रोम के लक्षण बच्चे और बड़े दोनों में दिख सकते हैं। यह लिवर, दिल, और किडनी जैसे अंगों के काम को प्रभावित कर सकते हैं।
लिवर से संबंधित लक्षण
जब पित्त लिवर में जमा हो जाता है, तो यह लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। इससे शरीर के टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते और कई लक्षण हो सकते हैं।
खुजली और पीलिया
पित्त के जमा होने से शरीर में खुजली की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, आंखों और त्वचा का रंग पीला पड़ सकता है, जो पीलिया के लक्षण होते हैं।
त्वचा और हड्डियों पर असर
एलाजील सिंड्रोम के कारण त्वचा पर फैट से भरे मस्से जैसे उभार हो सकते हैं। इसके साथ ही हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं, और बच्चों की ग्रोथ भी देर से हो सकती है।
स्किन का रंग नीला पड़ जाता है
इस सिंड्रोम में दिल में छेद हो सकता है, और खून का सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं होता। इसके कारण स्किन का रंग नीला पड़ सकता है।
एलाजील सिंड्रोम का कोई खास इलाज नहीं है। डॉक्टर लक्षणों को कम करने के लिए उपाय करते हैं। समय पर इलाज से लिवर और अन्य अंगों को नुकसान से बचाया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com