आज की तेज रफ्तार जिंदगी में स्मोकिंग सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि एक बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम बन चुकी है। स्मोकिंग करने वालों को अक्सर डिप्रेस्ड या उदास देखा गया है। आइए डॉ. सुप्रकाश चौधरी से जानते हैं क्या इससे डिप्रेशन होता है?
शरीर को नुकसान पहुंचाता है
सिगरेट में मौजूद हानिकारक तत्व शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस बढ़ाते हैं। इससे सेल्स टूटती हैं और बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
स्मोकिंग से होने वाली बीमारियां
स्मोकिंग के कारण फेफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारी, हाई बीपी, डायबिटीज और मोटापा जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जो जिंदगी को खतरे में डालती हैं।
क्या तनाव में सिगरेट राहत देती है?
तनाव में लोग सिगरेट पीना सही समझते हैं, लेकिन यह सिर्फ अस्थायी राहत देती है। असल में यह दिमाग की स्थिति को और ज्यादा बिगाड़ सकती है।
स्मोकिंग और डिप्रेशन में रिश्ता
अध्ययन बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से स्मोकिंग करते हैं, उनमें डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं।
स्मोकिंग की लत क्यों लगती है?
सिगरेट में मौजूद निकोटीन ब्रेन के केमिकल्स पर असर करता है, जिससे रिलैक्स महसूस होता है। लेकिन यही चीज बार-बार तलब और लत की वजह बनती है।
मानसिक रूप से बीमारों पर असर
जो लोग मानसिक बीमारी से जूझ रहे होते हैं, वे स्मोकिंग के जरिए राहत पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन समय के साथ हालत और भी बिगड़ जाते है।
क्या इससे जान का खतरा बढ़ता है?
जो लोग लंबे समय तक स्मोकिंग करते हैं उनकी मृत्यु दर सामान्य व्यक्ति से 2-3 गुना ज्यादा होती है। यह आंकड़े डराने वाले हैं।
धीरे-धीरे स्मोकिंग कम करें, डॉक्टर से सलाह लें और मनोवैज्ञानिक सपोर्ट लें। यह न केवल आपकी जान बचाएगा, बल्कि मानसिक सुकून भी देगा। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com