अगर आप भी देर तक जागते हैं और सोचते हैं कि इससे शरीर पर कोई असर नहीं होगा, तो जरा रुकिए। टेस्टोस्टेरोन जैसे जरूरी हार्मोन पर इसका गहरा असर हो सकता है। आइए इस बारे में PubMed की स्टडी से जानते हैं।
टेस्टोस्टेरोन क्या होता है?
यह एक अहम हार्मोन है जो मांसपेशियां, यौन क्षमता, मूड और ऊर्जा के लेवल को प्रभावित करता है। यह पुरुषों में ज्यादा होता है लेकिन महिलाओं में भी मौजूद रहता है।
टेस्टोस्टेरोन कैसे बनता है?
टेस्टोस्टेरोन ज्यादातर रात को सोते समय बनता है, खासकर गहरी नींद (Deep Sleep) के दौरान। यानी आपकी नींद की क्वालिटी और टाइमिंग बहुत जरूरी है।
देर रात सोना क्या करता है?
जब आप देर तक जागते हैं, तो शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ता है। इससे नींद की क्वालिटी कम होती है और टेस्टोस्टेरोन का लेवल गिर सकता है।
कम नींद, कम टेस्टोस्टेरोन
शोधों के अनुसार, 5 घंटे से कम नींद लेने से टेस्टोस्टेरोन लेवल 10 से 15% तक कम हो सकता है।
देर रात तक जागना खतरनाक है
बार-बार देर से सोने से आपकी नींद के सबसे जरूरी हिस्से, जैसे REM और deep sleep, पूरे नहीं हो पाते। इससे शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ता है।
नींद पूरी करने से फर्क पड़ता है
जो लोग रोजाना 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं, उनके टेस्टोस्टेरोन स्तर बेहतर पाए गए हैं, जिससे उनकी ऊर्जा और मांसपेशियों की ताकत भी अच्छी रहती है।
सिर्फ देर से सोना ही वजह है?
देर से सोने के साथ-साथ स्ट्रेस, खानपान और एक्सरसाइज की कमी भी टेस्टोस्टेरोन को प्रभावित कर सकती है। लेकिन सोने का सही समय इसमें एक बड़ा फैक्टर है।
रोजाना एक तय समय पर सोना शुरू करें, रात को स्क्रीन टाइम कम करें और 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। ये छोटे कदम आपके टेस्टोस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से संतुलित रख सकते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com