धूम्रपान सिर्फ फेफड़ों को नहीं, बल्कि पुरुषों के लिंग स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। यह असर धीरे-धीरे दिखता है लेकिन गहरा होता है। आइए PubMed की रिपोर्ट से जानें स्मोकिंग करने से लिंग पर क्या असर पड़ता है।
लिंग में ब्लड फ्लो जरूरी है
लिंग का इरेक्शन ब्लड फ्लो पर निर्भर करता है। जब शरीर में खून ठीक से नहीं पहुंचता, तो इरेक्शन आना या बने रहना मुश्किल हो जाता है।
स्मोकिंग कैसे असर करता है?
सिगरेट में मौजूद निकोटीन और टॉक्सिक केमिकल्स धमनियों को संकरा कर देते हैं। इससे लिंग तक खून की सप्लाई घट जाती है और इरेक्शन में दिक्कत होती है।
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
कई स्टडीज बताती हैं कि स्मोकिंग करने वालों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) का खतरा दोगुना हो जाता है। और ये असर उम्र के साथ और बढ़ता है।
सिर्फ इरेक्शन ही नहीं
स्मोकिंग टेस्टोस्टेरोन यानी पुरुष हार्मोन को भी कम करता है। इसका असर आपकी सेक्स ड्राइव और स्टेमिना दोनों पर पड़ता है।
शुक्राणु भी होते हैं प्रभावित
सिगरेट पीने से स्पर्म क्वालिटी और काउंट कम हो सकता है। इससे प्रजनन क्षमता (fertility) पर असर पड़ता है और संतान उत्पत्ति में दिक्कत हो सकती है।
क्या असर उल्टा हो सकता है?
अच्छी खबर यह है कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद धीरे-धीरे शरीर रिकवर करना शुरू कर देता है। ब्लड फ्लो बेहतर होता है, इरेक्शन सुधरता है और सेक्शुअल हेल्थ में सुधार आता है।
कितने समय में सुधार होता है?
कुछ स्टडीज के मुताबिक धूम्रपान छोड़ने के 2 से 12 महीनों के भीतर इरेक्शन की समस्या में सुधार देखा गया है। हालांकि परिणाम व्यक्ति पर निर्भर करते हैं।
अगर आप अपने लिंग स्वास्थ्य और सेक्स लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो धूम्रपान छोड़ना सबसे पहला और जरूरी कदम है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com