Harvard Women's Health Study के अनुसार 30 की उम्र के बाद महिलाओं को पोषक तत्वों की जरूरत बढ़ जाती है। चूर्ण शरीर को संतुलन देने में मदद करते हैं।
अश्वगंधा चूर्ण
30 के बाद स्ट्रेस और हार्मोनल बदलाव आम हो जाते हैं। अश्वगंधा चूर्ण मानसिक शांति और थकान में राहत देता है।
शतावरी चूर्ण
शतावरी महिला हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करता है। यह प्रजनन स्वास्थ्य में मदद करता है और पीरियड्स रेगुलर करने में भी मदद करता है।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह उम्र के साथ धीमे होते मेटाबॉलिज्म को भी सुधारता है।
सौंफ चूर्ण
सौंफ चूर्ण पाचन को सुधारता है और ब्लोटिंग या गैस की समस्या से राहत देता है। महिलाओं में यह आम समस्या बन जाती है।
मेथी चूर्ण
30 के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। मेथी चूर्ण में कैल्शियम और आयरन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
हल्दी चूर्ण
हल्दी चूर्ण में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते हैं। यह स्किन और सूजन में भी कारगर है।
फ्लैक्ससीड चूर्ण
फ्लैक्ससीड यानी अलसी के बीजों का चूर्ण ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है जो हार्मोनल बैलेंस और त्वचा के लिए जरूरी है।
हर चूर्ण का सेवन सीमित मात्रा में और किसी विशेषज्ञ की सलाह से करना चाहिए। प्राकृतिक चीजें भी ज्यादा मात्रा में नुकसानदायक हो सकती हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com