बुखार होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है, और तेज बुखार में बेचैनी और घबराहट महसूस हो सकती है। तापमान 100 डिग्री से ऊपर जाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
बुखार में ठंडे पानी की पट्टी करना
बुखार में ठंडे पानी की पट्टी करना एक प्रचलित तरीका है। लेकिन, इसे सही तरीके से करने से ही फायदा होता है। गलत तरीके से पट्टी करने पर बुखार कम नहीं हो पाता।
सूती या मुलायम कपड़े का इस्तेमाल
बुखार में पट्टी करने के लिए सूती या मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करें। इसे सामान्य तापमान वाले पानी में भिगोकर अतिरिक्त पानी निचोड़ लें और फिर इस्तेमाल करें।
माथे पर पट्टी रखने के अलावा क्या करें?
बुखार में केवल माथे पर पट्टी रखना पर्याप्त नहीं है। शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे हाथ, पैर और गर्दन पर स्पंजिंग करें ताकि शरीर का तापमान संतुलित हो सके।
पट्टी को ठंडे पानी में भिगोएं
हर बार पट्टी को पानी में दोबारा भिगोएं और इसे ठंडा रखें। ठंडे पानी के बजाय ताजे और सामान्य तापमान वाले पानी का इस्तेमाल करना ज्यादा असरदार होता है।
शरीर का तापमान कम होगा
अगर बुखार 104 डिग्री या उससे ज्यादा हो, तब ठंडे पानी की पट्टी जरूर करें। हालांकि, यह केवल शरीर का तापमान कम करने में मदद करता है, बुखार का इलाज नहीं करता।
वायरल बुखार
बुखार के सही इलाज के लिए इसके कारण को समझना जरूरी है। वायरल बुखार में एंटी-वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन में एंटी-बायोटिक्स की जरूरत पड़ सकती है।
शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलना
बुखार में भरपूर पानी पिएं, जिससे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें। आरामदायक कपड़े पहनेंऔर कमरे का तापमान सामान्य बनाए रखें। बुखार के दौरान ज्यादा आराम करें और हेल्दी डाइट का सेवन करें।
बुखार में डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन न करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com