नस दबने से तेज दर्द, झनझनाहट और ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
एक्सपर्ट की राय
गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि नसों में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने की वजह से नसे दब जाती हैं।
नसें दबने का कारण
नसों के दबने का मुख्य कारण ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट, मांसपेशियों पर दबाव, खून का जमाव या गलत मुद्रा में बैठने और सोने से होने वाली नसों पर खिंचाव हो सकता है।
मेथी के बीज
मेथी के बीजों को रातभर भिगोकर सुबह पीसकर प्रभावित हिस्से पर लगाने और पट्टी बांधने से दबी नसों को राहत मिलती है और दर्द व ऐंठन कम हो सकती है।
हरसिंगार का पानी
हरसिंगार (परिजात) की पत्तियों को उबालकर गुनगुने पानी से सिंकाई करने या इस काढ़े का सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे दबी नसें खुलने लगती हैं।
पान का पत्ता
पान के पत्ते को गर्म करके उसमें हल्का चूना लगाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से सूजन कम होती है, जिससे नसों के दबाव से होने वाली असहजता दूर हो सकती है।
सेंधा नमक
सेंधा नमक की पोटली बनाकर गर्म पानी में डुबोकर नस दबे हिस्से की सिंकाई करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और नस के ब्लॉकेज से राहत मिलने में मदद मिलती है।
चुकंदर का जूस
चुकंदर का जूस पीने से शरीर में खून का संचार बेहतर होता है, जिससे नसों में जमे हुए खून को बाहर निकालने में मदद मिलती है और नसों का दबाव कम होता है।
एक्सरसाइज करें
नियमित हल्की एक्सरसाइज, स्ट्रेचिंग और सही पॉस्चर अपनाने से नसों पर दबाव कम होता है, जिससे नसों के दबने की समस्या से बचा जा सकता है।
गर्म तेल से मालिश
गर्म तेल से मालिश करने से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे नसों में फंसी हुई जकड़न और दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है और राहत महसूस होती है।
अगर घरेलू उपायों से भी नस का दबाव कम न हो और दर्द लगातार बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com