आजकल दिल की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। कार्डियक अरेस्ट दिल की बीमारी का एक प्रमुख कारण है। आइए मुंबई के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष कुमार डोरा से जानते हैं कार्डियक अरेस्ट क्या है, इसके कारण क्या होते हैं और इसके लक्षण क्या हैं।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल का पंपिंग सिस्टम अचानक बंद हो जाता है और दिल खून को शरीर के बाकी हिस्सों में नहीं भेज पाता। ऐसे में या तो दिल बिल्कुल धड़कना बंद हो जाता है या फिर इतनी तेजी से धड़कता है कि खून पंप नहीं हो पाता।
कार्डियक अरेस्ट होने के कारण
कार्डियक अरेस्ट का सबसे सामान्य कारण है कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD)। इसमें दिल की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती।
हार्ट अटैक
जब दिल की धमनियों में किसी प्रकार का ब्लॉकेज (रक्त का थक्का) हो जाता है, तो दिल को पर्याप्त ब्लड नहीं मिलता, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है और उसके बाद कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर
डॉ. संतोष कुमार डोरा के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर से दिल पर दबाव पड़ता है, जिससे दिल की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है।
सीने में दर्द (Angina)
सीने में दर्द या ऐंठन, जो दिल को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाने के कारण होती है, कार्डियक अरेस्ट का संकेत हो सकती है।
अनुवांशिक कारण
कार्डियोलॉजिस्ट के अनुसार, अगर परिवार में किसी को दिल की बीमारी हो, तो ऐसे व्यक्ति में कार्डियक अरेस्ट का खतरा अधिक होता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डियक अरेस्ट के कई लक्षण है। जैसे- सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या दबाव, बेहोशी या अचानक गिरना, चक्कर आना, पसीना आना, उल्टी या जी मिचलाना, कमजोरी और थकान।
अगर आपको या आपके परिवार को किसी भी प्रकार के दिल से संबंधित लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com