तुलसी के पत्तों को चबाने से क्यों किया जाता है मना? जानिए

By Deepak Kumar
26 Mar 2025, 16:00 IST

तुलसी को कई बीमारियों के इलाज के लिए एक बेहतरीन औषधि माना गया है। यह शरीर के टॉक्सिन्स को दूर करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक है।

एक्सपर्ट की मानें

आज हम आपको धार्मिक मान्यताओं से हटकर, पूरी तरह वैज्ञानिक नजरिए से समझाएंगे कि आखिर तुलसी के पत्ते चबाना क्यों मना किया जाता है। तो आइए आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं इसके पीछे की वजह।

मर्क्यूरिक एसिड

तुलसी के पत्तों में मर्क्यूरिक एसिड होता है, जो दांतों के एनामेल को नुकसान पहुंचा सकता है और दांतों को कमजोर बना सकता है। इसलिए आयुर्वेद में तुलसी के पत्ते चबाने की बजाय निगलने की सलाह दी जाती है।

आर्सेनिक

डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार तुलसी के पत्तों में आर्सेनिक भी पाया जाता है, जो अगर अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह शरीर में टॉक्सिन जमा कर सकता है और लिवर व किडनी पर असर डाल सकता है।

एसिडिक तत्व

तुलसी का स्वाद गरम और हल्का एसिडिक होता है। अगर इसे बार-बार चबाया जाए तो यह मुंह और पेट में एसिडिटी बढ़ा सकता है, जो गैस्ट्रिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

इन्फेक्शन का खतरा

तुलसी का पौधा खुले वातावरण में उगता है और इसकी पत्तियों पर बैक्टीरिया और धूल जमा हो सकते हैं। बिना धोए इसे चबाने से बैक्टीरिया मुंह में जा सकते हैं, जो इन्फेक्शन फैला सकते हैं।

पीएच लेवल

तुलसी के पत्तों का पीएच लेवल थोड़ा एसिडिक होता है, जो मुंह में बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है लेकिन लार के प्राकृतिक पीएच को प्रभावित कर सकता है, जिससे मुंह में छाले, दांतों की सेंसिटिविटी और मसूड़ों में जलन हो सकती है।

तुलसी खाने का सही तरीका

तुलसी के पत्तों को धोकर गुनगुने पानी के साथ निगलें या फिर चाय/काढ़े में डालकर पिएं। इससे आपको इसके फायदे मिलेंगे और कोई नुकसान भी नहीं होगा।

हालांकि, तुलसी के पत्तों को सही तरीके से उपयोग करके आप इसके औषधीय गुणों का पूरा लाभ उठा सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com