घी हमारे शरीर को पोषण देता है, जिससे हम स्वस्थ रहते हैं। लेकिन कुछ लोगों इसका सेवन करने से बचना चाहिए। इसी पर जानकारी देते हुए आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रेखा राधामोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया है।
आयुर्वेद में घी का महत्व
आयुर्वेद में घी को सर्वोत्तम माना गया है। यह मानसिक शक्ति, पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। हर्बल दवाओं में भी इसका उपयोग किया जाता है।
घी के प्रमुख पोषक तत्व
घी विटामिन A, D, E और K से भरपूर होता है। यह शरीर को जरूरी पोषण देने के साथ-साथ त्वचा, आंखों और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
घी के अद्भुत फायदे
घी पाचन सुधारता है, दिमाग तेज करता है, त्वचा को दमकाता है और शरीर को ताकत देता है। इसमें एंटी-एजिंग और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं।
क्या सभी के लिए है फायदेमंद?
घी से सबको एक जैसे लाभ नहीं मिलते। कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में घी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार सावधानी जरूरी है।
पेट की समस्याओं में सावधानी
अगर आपको गैस, अपच या एसिडिटी की समस्या है, तो ज्यादा घी न खाएं। यह पाचन को बिगाड़ सकता है और पेट की समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
सर्दी-खांसी में घी से बचें
सर्दी, खांसी या बुखार में घी का सेवन नहीं करना चाहिए। यह शरीर में कफ बढ़ाता है, जिससे आपकी तबीयत और बिगड़ सकती है। डॉक्टर की सलाह लें।
गर्भवती महिलाएं कब न खाएं?
गर्भावस्था में घी फायदेमंद है, लेकिन अगर महिला को सर्दी या डाइजेशन की समस्या हो तो घी से बचना चाहिए।
अगर आपको लिवर या प्लीहा संबंधी समस्या है, तो घी से बचें। यह आपकी हालत बिगाड़ सकता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ भी इस स्थिति में सतर्कता की सलाह देते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com