भारतीय रसोई में मसालों का खास महत्व है। इनमें से काली मिर्च और लाल मिर्च सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। चाहे सूप हो, सब्जी हो या कोई और डिश, स्वाद को बढ़ाने के लिए इनमें से किसी न किसी का इस्तेमाल जरूर होता है। लेकिन इन दोनों में ज्यादा फायदेमंद कौन सी है? आइए आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं इसी सवाल का जवाब।
क्या कहता है आयुर्वेद?
आयुर्वेद के अनुसार, हर मसाले का शरीर पर अलग प्रभाव पड़ता है। लाल मिर्च और काली मिर्च दोनों ही तीखे होते हैं, लेकिन आयुर्वेद में लाल मिर्च के ज्यादा सेवन से बचने की सलाह दी जाती है, जबकि काली मिर्च के कुछ औषधीय गुण भी बताए गए हैं।
लाल मिर्च का असर
लाल मिर्च खाने से शरीर में गर्मी बढ़ती है। यह पित्त को बढ़ाने का काम करती है, जिससे एसिडिटी और पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, इसमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
काली मिर्च क्यों है खास?
काली मिर्च सिर्फ एक मसाला ही नहीं, बल्कि औषधि भी मानी जाती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। यह कफ और वात दोष को कम करने में भी मददगार होती है।
पाचन के लिए फायदेमंद
अगर पेट से जुड़ी समस्याएं हैं, तो काली मिर्च का सेवन फायदेमंद हो सकता है। यह पाचन शक्ति को मजबूत करती है और गैस, अपच जैसी परेशानियों को कम करने में मदद करती है। लेकिन इसका ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
दवाओं का असर बढ़ाती है काली मिर्च
काली मिर्च की एक खासियत यह भी है कि यह दवाओं के असर को कई गुणा बढ़ा देती है। यही कारण है कि आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
लाल मिर्च या काली मिर्च?
अगर सेहत की बात करें, तो काली मिर्च को ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लाल मिर्च को पूरी तरह से छोड़ दिया जाए। इसे कम मात्रा में इस्तेमाल करना बेहतर होता है।
संतुलित मात्रा में सेवन करें
किसी भी चीज का ज्यादा सेवन सेहत के लिए सही नहीं होता। चाहे लाल मिर्च हो या काली मिर्च, इनका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा खाने पर यह फायदे के बजाय नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, मसालों का सही मात्रा में और सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो ये सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसलिए हमेशा संतुलित आहार अपनाएं और मसालों को दवा की तरह समझकर प्रयोग करें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com