ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं ये 5 फूड्स

By Deepak Kumar
31 May 2025, 17:00 IST

कुछ फूड्स ऐसे होते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को बिगाड़ सकते हैं और ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम सही खानपान अपनाएं और इन फूड्स से परहेज करें।

न्यूट्रिशनिस्ट से जानें

तो आइए न्यूट्रिशनिस्ट अनुपम भाटिया से जानते हैं ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने पर आपको किन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

डेयरी उत्पाद से बचें

डेयरी में मौजूद कैसिइन और मट्ठा जैसे प्रोटीन शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। ये रुमेटीइड अर्थराइटिस और हाशिमोटो जैसी बीमारियों में लक्षण बिगाड़ सकते हैं। ऑटोइम्यून में दूध, दही, पनीर से परहेज करें।

ग्लूटेन से दूरी

गेहूं, जौ और राई में पाया जाने वाला ग्लूटेन आंतों की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो इम्यून सिस्टम को ट्रिगर करती है। लक्षण बढ़ने से बचने के लिए ग्लूटेन से बचें।

सोया प्रोडक्ट्स से बचाव

सोया में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं जो हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं। यह थायरॉयड ग्रंथि को भी प्रभावित करता है और दवाइयों के असर को कम कर सकता है। ऑटोइम्यून थायरॉयड में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

एस्पार्टेम से बचें

एस्पार्टेम एक कृत्रिम मिठास है जो इम्यून सिस्टम के काम में रुकावट डाल सकता है। यह शुगर फ्री पदार्थ शरीर की प्रतिक्रिया को बिगाड़ता है। ऑटोइम्यून पेशेंट्स को इससे परहेज रखना चाहिए।

मक्का न खाएं

मक्का यानी कॉर्न कुछ लोगों में सीलिएक और इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम की समस्या को बढ़ा सकता है। यह इम्यून रिस्पॉन्स को स्लो करता है जिससे लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए मक्का से दूरी बनाए रखें।

क्या है ऑटोइम्यून बीमारी?

ऑटोइम्यून डिसऑर्डर तब होता है जब हमारी इम्यूनिटी गलती से शरीर के टिशूज पर ही हमला करती है। इससे कई बीमारियां जैसे ल्यूपस, हाशिमोटो, थायरॉयडिटिस हो सकती हैं। सही डाइट से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

ऑटोइम्यून बीमारियों को रोकने के लिए जीवनशैली और भोजन में थोड़ा बदलाव काफी असरदार हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com