आजकल की लाइफस्टाइल में गलत खाने की आदतों के कारण सीने में जलन और एसिडिटी की दिक्कत आम हो गई है। कई लोग आराम पाने के लिए दवा का सहारा लेते हैं, लेकिन एक नेचुरल उपाय से इसको कंट्रोल किया जा सकता है। आइए डॉ रॉय पाटनकर से जानें कैसे सरसों के दानों के इस्तेमाल से इस दिक्कत से आराम पाया जा सकता है।
एसिड को बैलेंस करने के लिए
सरसों के दाने एल्कलाइन नेचर के होते हैं। इनसे पेट में बनने वाले एसिड को न्यूट्रल करने में मदद मिलती हैं। जिससे एसिडिटी की दिक्कत धीरे-धीरे कम होने लगती है।
स्ट्रांग डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए
सरसों के दानों में फाइबर की मात्रा भरपूर होती हैं। इसे खाने से डाइजेशन सुधारने में मदद मिलती है। यह पेट की प्रॉब्लम्स जैसे गैस, एसिडिटी और सूजन को दूर करने में मदद करते हैं।
सीने की जलन से राहत
बार-बार सीने में जलन होने पर एक चुटकी सरसों के दाने गुनगुने पानी के साथ लेने से जल्दी आराम मिल सकता है। यह नेचुरल तरीके से पेट को ठंडा करता है।
ऐंटी-ऑक्सिडेंट की पूर्ति का उपाय
सरसों के दानों में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और पेट की कार्य करने की क्षमता अच्छी रहती है।
गैस और ब्लोटिंग कम करने के लिए
पेट फूलने या भारीपन की दिक्कत रहने पर सरसों का सेवन फायदेमंद होता है। इससे आंतों की सफाई होती है और गैस की दिक्कत कम करने में मदद मिलती है।
पेट में सूजन और इन्फ्लेमेशन
सरसों के दानों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो पेट में सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। इससे एसिडिटी और सीने की जलन की दिक्कत कम होने लगती है।
खाने में सरसों के बीज
आप सरसों के दानों को सब्जी, दाल और पराठों में डाल सकते हैं। इसके अलावा इसका पाउडर बनाकर गर्म पानी के साथ ले सकते हैं, जिससे पेट से जुड़ी दिक्कत से आराम मिलेगा।
सरसों के दाने शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इसकी सही मात्रा जानना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com