चना पोषण से भरपूर है, लेकिन क्या इसे रोज खाना सही है? आइए न्यूट्रिशनिस्ट गगन आनंद से जानते हैं इस सवाल का जवाब।
प्रोटीन और फाइबर का पावरहाउस
चना हाई प्रोटीन और फाइबर से भरपूर है। ये मांसपेशियों की मरम्मत करता है, भूख को कंट्रोल करता है और वजन घटाने में मदद करता है।
डायबिटीज के लिए वरदान
काले चने में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और इंसुलिन रेसिस्टेंस कम कर टाइप-2 डायबिटीज का खतरा घटाता है।
कोलेस्ट्रॉल और पाचन में फायदेमंद
घुलनशील फाइबर बाइल एसिड को बांधता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है। साथ ही फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत देता है।
एक कटोरी काफी है
रोजाना एक कटोरी चना (करीब 330 कैलोरी) ही पर्याप्त है। ज्यादा मात्रा में लेने से गैस, अपच और पेट फूलने की शिकायत हो सकती है।
अंकुरित चना
रातभर भिगोकर रखा चना सुबह नमक-नींबू के साथ खाएं। ये कब्ज, डायबिटीज और एनर्जी के लिए बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है।
लंच में चने का सलाद
उबले चने में ब्रोकली, प्याज, टमाटर मिलाकर बनाएं हेल्दी सलाद। ये मील पोषक तत्वों से भरपूर होता है और वजन कंट्रोल में सहायक है।
भूने चने
भूख लगे तो जंक फूड छोड़ें और खाएं भूने चने। ये हेल्दी, लो-कैलोरी स्नैक है जो क्रेविंग को शांत करता है और पेट भरा रखता है।
रोज चना खाना नुकसानदायक हो सकता है। डाइट में प्रोटीन के विविध स्रोतों को शामिल करें और हर दिन कुछ नया खाकर पोषण संतुलन बनाए रखें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com