डायबिटीज में हर फल खाना सही नहीं होता। आइए डाइटिशियन डेलनाज टी. चंदूवाडिया से जानते हैं कि आम और केला में से कौन सा फल डायबिटिक लोगों के लिए बेहतर है।
डायबिटीज और फल खाने का कनेक्शन
डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए ऐसे फल खाने चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो और जो धीरे-धीरे शुगर रिलीज करें।
आम
आम का स्वाद मीठा और रसीला होता है, लेकिन इसमें नैचुरल शुगर ज्यादा होती है। एक मध्यम आकार का आम लगभग 45 ग्राम शुगर दे सकता है।
आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 51 से 56 के बीच होता है, जो मध्यम श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि आम धीरे-धीरे शुगर रिलीज करता है, लेकिन मात्रा सीमित होनी चाहिए।
केला
केले में फाइबर, पोटैशियम और विटामिन B6 होता है। यह पेट के लिए अच्छा होता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता।
केला और ब्लड शुगर
केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 51 से 55 के बीच होता है, जो आम के बराबर ही है। लेकिन केला पकने के साथ ज्यादा मीठा हो जाता है, इसलिए ज्यादा पका केला ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है।
डायबिटीज में क्या चुनें?
अगर ब्लड शुगर कंट्रोल में है तो आम या केला कभी-कभार थोड़ी मात्रा में खाया जा सकता है। लेकिन रोजाना या ज्यादा मात्रा में खाना नुकसान कर सकता है।
सही तरीका क्या है?
फल हमेशा सीमित मात्रा में और दिन के समय खाएं। साथ में प्रोटीन या फाइबर लें, ताकि शुगर का असर धीमा हो। डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह जरूर लें।
आम और केला दोनों ही मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल हैं। डायबिटीज में किसी एक को भी सीमित मात्रा में खाया जा सकता है। लेकिन अगर वजन ज्यादा है या शुगर कंट्रोल में नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह से ही खाएं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com