आजकल बाजार में नकली मक्खन आसानी से मिल जाता है। इसमें ट्रांसफैट, स्टार्च और आयोडीन जैसी चीजों की मिलावट होती है जो शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। आइए आहार विशेषज्ञ से जानें असली और नकली मक्खन में कैसे करें फर्क?
शरीर पर बुरा असर
मिलावटी मक्खन लिवर, किडनी और दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। इसमें मौजूद अनहेल्दी फैट्स कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर हार्ट अटैक और डायबिटीज जैसी बीमारियों को न्योता देते हैं।
पिघलने वाला असली मक्खन
हाथ पर रखने पर असली मक्खन शरीर की गर्मी से पिघल जाता है। जबकि नकली मक्खन वैसे ही जमा रहता है, जिससे उसकी पहचान करना आसान हो जाता है।
गर्म करने पर रंग का फर्क
जब मक्खन को गर्म करते हैं, तो असली मक्खन भूरे रंग का हो जाता है। नकली मक्खन पीला रहता है, जो मिलावट और ट्रांसफैट की निशानी हो सकती है।
नारियल तेल टेस्ट करें
मक्खन और नारियल तेल मिलाकर फ्रिज में रखें। अगर मिश्रण जमने पर परतें अलग-अलग दिखें तो मक्खन में मिलावट है। एकसमान जमाव शुद्ध मक्खन को दर्शाता है।
आयोडीन से स्टार्च की जांच
मक्खन में आयोडीन युक्त नमक का घोल डालें। अगर मक्खन का रंग भूरा हो जाए तो इसमें स्टार्च मिला है। रंग ना बदले तो मक्खन शुद्ध है।
घर पर बनाएं शुद्ध मक्खन
दूध से क्रीम निकालें, मिक्सर में फेंटें जब तक मक्खन और छाछ अलग न हो जाएं। मक्खन को पानी से धोएं और स्वाद के लिए थोड़ा नमक मिलाएं।
घरेलू मक्खन के फायदे
घरेलू मक्खन में विटामिन A, D, लेसिथिन और अच्छे फैट्स होते हैं। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है, वजन कंट्रोल करता है और मस्तिष्क व त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
बाजार के मिलावटी मक्खन से बचें और घर का बना मक्खन अपनाएं। यह सेहतमंद, सुरक्षित और स्वादिष्ट होता है। शुद्धता ही असली पोषण की पहली और जरूरी शर्त है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com