डायबिटीज में खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। कुछ लोग मानते हैं कि मीट से नुकसान हो सकता है, लेकिन क्या यह सच है? आइए जानते हैं।
शोध क्या कहते हैं?
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार, रेड मीट ज्यादा खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन कुछ मीट हेल्दी हो सकते हैं।
रेड मीट VS व्हाइट मीट
रेड मीट में ज्यादा फैट होता है, जो ब्लड शुगर बढ़ा सकता है। व्हाइट मीट जैसे चिकन और मछली कम फैट वाले होते हैं और सुरक्षित माने जाते हैं।
प्रोसेस्ड मीट से बचें
सॉसेज, सलामी और बेकन में हाई सोडियम और प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ा सकते हैं। डायबिटीज में इनसे दूर रहना बेहतर है।
ग्रिल्ड या बॉइल्ड मीट - क्या सही है?
तला हुआ मीट ब्लड शुगर पर बुरा असर डाल सकता है। ग्रिल्ड, बॉइल्ड या बेक्ड मीट बेहतर होते हैं क्योंकि इनमें कम तेल और कैलोरी होती है।
मछली - एक हेल्दी चॉइस
सैल्मन और ट्यूना जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो डायबिटीज में फायदेमंद है। हफ्ते में 2-3 बार मछली खाना अच्छा होता है।
मीट के साथ फाइबर क्यों जरूरी?
अगर आप मीट खा रहे हैं, तो इसे सब्जियां, सलाद और होल ग्रेन्स के साथ खाएं। इससे ब्लड शुगर स्पाइक्स कम होंगे और पाचन बेहतर रहेगा।
डायबिटीज फ्रेंडली मीट डाइट
बेक्ड चिकन, ग्रिल्ड फिश और लो-फैट टर्की हेल्दी विकल्प हैं। मीट की मात्रा और इसे पकाने के तरीके पर ध्यान देना जरूरी है।
डायबिटीज में मीट खाना पूरी तरह गलत नहीं है। संतुलित मात्रा और सही कुकिंग मेथड से इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com