भारत में सरसों का तेल पीढ़ियों से कुकिंग में इस्तेमाल होता आ रहा है। इसका स्वाद और खुशबू खाने को खास बना देते हैं। लेकिन क्या इसका रोजाना सेवन सेहत के लिए सही है? आइए डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से जानते हैं इस सवाल का जवाब।
डाइटिशियन की राय
डायटीशियन दिव्या गांधी के मुताबिक, सरसों का तेल सुरक्षित है, लेकिन इसकी मात्रा सीमित होनी चाहिए। यह पोषक तत्वों से भरपूर है और शरीर को कई फायदे देता है।
सरसों के तेल का स्मोकिंग पॉइंट
हर तेल का एक स्मोकिंग पॉइंट होता है, यानी जिस तापमान पर वह जलने लगता है। सरसों के तेल का स्मोकिंग पॉइंट कम होता है, इसलिए इसे बहुत ज्यादा गर्म करने से पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
डीप फ्राई के लिए सही नहीं
अगर आप डीप फ्राई करने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं, तो यह नुकसानदेह हो सकता है। ज्यादा गर्म करने से इसमें मौजूद कुछ तत्व हानिकारक बन सकते हैं।
इरुसिक एसिड का प्रभाव
सरसों के तेल में इरुसिक एसिड पाया जाता है। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से फेफड़ों और सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही इस्तेमाल करना बेहतर है।
दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
सरसों के तेल में मोनो-अनसैचुरेटेड और पॉली-अनसेचुरेटेड फैट होते हैं, जो दिल के लिए अच्छे माने जाते हैं। साथ ही, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी मौजूद होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है।
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर
इस तेल में विटामिन-ई और अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में सूजन कम करने और रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
कितनी मात्रा में करें इस्तेमाल?
कोई भी तेल हो, उसका जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है। एक्सपर्ट की सलाह लें और सीमित मात्रा में ही सरसों के तेल का इस्तेमाल करें।
रोजाना सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि इसे बहुत ज्यादा गर्म न करें और संतुलित मात्रा में ही खाएं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com