मीठा खाने का सही समय: आयुर्वेद के अनुसार कब खाएं मीठा?

By Aditya Bharat
20 Jan 2025, 12:15 IST

भारत में खाने के साथ मीठा खाना एक पुरानी परंपरा है। लेकिन क्या आपको पता है कि आयुर्वेद इसे सही तरीके से खाने की सलाह देता है? आइए वैद्य गजानंद सिंह से जानते हैं मीठा खाने का सही समय।

आयुर्वेद में मीठे खाने का तरीका

आयुर्वेद के अनुसार, मीठा और तीखा एक साथ नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से पाचन पर बुरा असर पड़ता है और शरीर भोजन को ठीक से नहीं पचा पाता है।

क्यों न खाएं तीखा-मीठा?

मीठे में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जिन्हें पचाने में समय लगता है। अगर इसे तीखे के साथ खाया जाए तो अपच, गैस और आलस्य जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

खाने का सही तरीका

आयुर्वेद के अनुसार, भोजन का सही क्रम इस प्रकार होना चाहिए: पहले कच्चा सलाद, फिर खट्टा, नमकीन और अंत में तीखा खाना चाहिए। मीठा खाने से पहले या बाद में ही खाएं।

मीठा खाने का समय

खाने के तुरंत बाद मीठा खाने से शुगर बढ़ सकता है और पाचन में समस्या हो सकती है। आयुर्वेद सलाह देता है कि मीठा भोजन के पहले या बाद थोड़ा सा ही खाना चाहिए।

सही मात्रा का ध्यान रखें

अगर आप मीठा खाना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि उसकी मात्रा आपके कुल भोजन का 1/8 हिस्सा हो। ज्यादा मीठा सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

आयुर्वेद में 6 प्रकार के रस

आयुर्वेद में 6 रस होते हैं: लवण (नमकीन), मधुर (मीठा), अम्ल (खट्टा), तिक्त (कड़वा), कटु (तीखा), कषाय (कसैला)। इनका संतुलन जरूरी है।

तीखा और नमकीन खाने के फायदे

तीखा और नमकीन खाने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है, जिससे भोजन जल्दी पचता है। लेकिन इनका सेवन संयमित रूप से करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा तीखा खाने से पाचन में परेशानी हो सकती है।

आजकल के मीठे व्यंजन, जैसे पेस्ट्री और ब्राउनी, सेहत के लिए अच्छे नहीं होते। बेहतर होगा कि आप गुड़, शहद, ड्राई फ्रूट्स या हलवा जैसी चीजें खाएं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com