शाम की चाय को हेल्दी बनाने के लिए लोग चीनी की जगह गुड़ चुन रहे हैं। आइए आयुर्वेदा डॉ निकिता कोहली से जानते हैं गुड़ वाली चाय पीने के फायदों के बारे में।
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ की तासीर गर्म और दूध की तासीर ठंडी होती है। दोनों का मेल शरीर में 'विरुद्ध आहार' बनाता है।
ट्रेंड या परंपरा?
अगर आप बचपन से गुड़ वाली चाय पीते आ रहे हैं, तो यह नुकसान नहीं पहुंचाती। लेकिन इसे ट्रेंड के तौर पर अपनाना हानिकारक हो सकता है।
गर्मियों में नुकसानदायक
गर्म तासीर की वजह से गर्मियों में गुड़ वाली चाय नुकसान पहुंचा सकती है। शरीर में गर्मी बढ़ा सकती है, जिससे स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
क्या है बेहतर विकल्प?
गर्मियों में मिश्री पाउडर या देसी खांड को चाय में चीनी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें। इनकी तासीर ठंडी होती है।
सीमित मात्रा में सेवन करें
गुड़ में प्राकृतिक एंजाइम होते हैं जो पाचन में सहायक होते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में सेवन पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल सकता है।
हर किसी के लिए नहीं है सही
हर व्यक्ति के शरीर की प्रकृति अलग होती है। अगर कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो बिना डॉक्टर की सलाह के गुड़ वाली चाय ना पिएं।
दवाओं के साथ साइड इफेक्ट्स
गुड़ कुछ दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकता है। इसलिए कोई भी नई आदत शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
गुड़ वाली चाय सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है, अगर सही समय, मात्रा और मौसम के अनुसार ली जाए। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com