तांबे के बर्तन में रखा पानी आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और एनर्जी देता है। लेकिन इसे सही तरीके से पीना जरूरी है।
एक्सपर्ट से जानें
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी की मानें तो लोग तांबे बर्तन से पानी पीते समय कई गलतियां करते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। तो चलिए उनसे जानते हैं उन 5 गलतियों के बारे में, जिनसे आपको बचना चाहिए।
गर्मियों में सेवन न करें
तांबे के पानी की तासीर गर्म होती है, जो गर्मियों में शरीर की गर्मी बढ़ा सकती है। इससे त्वचा और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। इसे ठंड के मौसम में पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
6-8 घंटे रखें पानी
तांबे के बर्तन में पानी को कम से कम 6 से 8 घंटे तक रखना चाहिए ताकि पानी आयनाइज हो सके। जल्दबाजी में पीना फायदेमंद नहीं होता।
बोतल को साफ रखें
तांबे के बर्तन जल्दी ऑक्सीकृत हो जाते हैं। इन्हें नींबू या इमली से साफ करें। सूखा कर रखें और सीधे धूप से बचाएं।
फ्रिज में न रखें पानी
तांबे के बर्तन को फ्रिज में रखकर पानी ठंडा करना सही नहीं है। इसे हमेशा कमरे के तापमान पर ही स्टोर करें, तभी इसका पूरा लाभ मिलेगा।
अधिक सेवन से बचे
तांबे के पानी का अत्यधिक सेवन न करें। दिन में 1-2 गिलास से अधिक पीना शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है और एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
सभी के लिए नहीं फायदेमंद
जिन्हें एसिडिटी, ब्लड डिसऑर्डर या शरीर में ज्यादा गर्मी की शिकायत है, उन्हें तांबे के पानी से परहेज करना चाहिए। इससे उल्टी या मतली जैसी समस्या हो सकती है।
तांबे के बर्तन का पानी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन केवल तब जब आप इसे सही तरीके से इस्तेमाल करें। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com