खाने की अनियमित आदतें और शारीरिक गतिविधियों की कमी से मोटापा बढ़ सकता है, जिससे इंसुलिन से जुड़ी समस्या होती है। इससे डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है और इसके साथ चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है।
डायबिटीज में चक्कर क्यों आते हैं?
डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल असंतुलित हो जाता है, जिससे शरीर बुरी असर पड़ता है। इस असंतुलन के कारण अक्सर डायबिटीज के मरीजों को चक्कर आ सकते हैं।
हाइपोग्लाइसीमिय
जब शरीर में शुगर का लेवल बहुत कम हो जाता है (70mg/dL से कम), तो ब्रेन को एनर्जी नहीं मिल पाती और इसके कारण चक्कर आ सकते हैं। यह टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों में हो सकता है।
हाइपरग्लाइसीमिय
ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने पर भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इस दौरान सिरदर्द, प्यास का बढ़ना, बार-बार पेशाब का होना और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
डिहाइड्रेशन और चक्कर आना
डायबिटीज के कारण बार-बार पेशाब होने से शरीर से ज्यादा ग्लूकोज बाहर निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। यह भी चक्कर आने का एक कारण बन सकता है।
चक्कर आने के अन्य कारण
डायबिटीज के अलावा भी कई कारणों से चक्कर आ सकते हैं। कमजोरी, शरीर में पानी की कमी या फिर ज्यादा थकावट के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर आपको बार-बार चक्कर आ रहे हैं तो इसे नजरअंदाज न करें, यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सही कारण जानें।
चक्कर आने से चोट लगने का खतरा
चक्कर आने पर गिरने की संभावना होती है, जिससे चोट लग सकती है। इसे हल्के में न लें और समय रहते इलाज करवाएं।
डायबिटीज के मरीजों को नियमित ब्लड शुगर की जांच करनी चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेकर सही इलाज शुरू करना चाहिए। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com