भारत में बच्चों को लाड़ में चाय-कॉफी पिलाई जाती है, लेकिन क्या ये सेफ है? आइए जानते हैं पीडियाट्रिशन डॉ अर्पित गुप्ता की राय।
इम्यूनिटी होती है कमजोर
बच्चों का पाचन और इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता। चाय-कॉफी जैसे कैफीनयुक्त ड्रिंक्स से उनका शरीर नुकसान झेल सकता है।
पोषक तत्वों की कमी
कैफीन, टैनिन और फाइटेट्स कैल्शियम व आयरन के अवशोषण में रुकावट डालते हैं, जिससे एनीमिया और हड्डियों की कमजोरी हो सकती है।
नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर असर
कैफीन के कारण बच्चों में नींद की कमी, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याएं देखी जा सकती हैं।
ग्रोथ में बाधा डालता है
नींद और पोषण की कमी बच्चों की शारीरिक और मानसिक वृद्धि को प्रभावित करती है। इसलिए ग्रोथ के लिए कैफीन से बचना जरूरी है।
पेट और दांतों की समस्या
चाय-कॉफी में चीनी और कैफीन मिलकर पेट में गैस, अपच और दांतों में कैविटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
बार-बार भूख लगना
कैफीन से भूख बार-बार लग सकती है, जिससे बच्चे ज्यादा कैलोरी लेते हैं और मोटापा बढ़ सकता है।
बच्चों के लिए हेल्दी ऑप्शन
चाय-कॉफी की जगह बच्चों को फल, हेल्दी शेक, हॉट चॉकलेट या जूस दिया जा सकता है - बशर्ते डॉक्टर की सलाह ली जाए।
बच्चों को चाय या कॉफी देने से बचें। यह उनके संपूर्ण विकास और सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com