अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा उछल-कूद करता है और शांत नहीं बैठता, तो यह उसके अंदर भरी एनर्जी का संकेत हो सकता है जिसे सही दिशा देने की जरूरत होती है।
चंचल स्वभाव वाले बच्चे
बच्चों को डांटने या जबरदस्ती रोकने से बेहतर है कि उनकी एनर्जी को खेल, डांस या पेंटिंग जैसी एक्टिविटी में लगाएं, जिससे वे खुद भी खुश रहें और नुकसान भी न करें।
अनुशासन में रहना सिखाएं
हाइपरएक्टिव बच्चों के लिए एक तय दिनचर्या बनाना बहुत जरूरी होता है, ताकि वे समय पर खाएं, खेलें, पढ़ें और सोएं और उन्हें अनुशासन की आदत बचपन से ही लग जाए।
खाने में संतुलन बनाएं
मीठे और ज्यादा कार्ब्स वाले खाने से उनके शरीर में ग्लूकोज बढ़ता है, जिससे वे और ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए, खाने में संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
बच्चों को सही दिशा दिखाएं
बच्चों की उर्जा अगर सही दिशा में लगाई जाए तो वही बच्चा जो सबको परेशान करता है, किसी खेल या एक्टिविटी में चैंपियन बन सकता है। बस उसे मौका देने की जरूरत है।
रुचि के अनुसार एक्टिविटी चुनें
जब बच्चा बार-बार एक जैसी हरकत करे या बहुत जल्दी चीजों से बोर हो जाए तो उसे ऐसी एक्टिविटी में लगाएं जो उसकी रुचि के अनुसार हो और जो उसे लंबे समय तक व्यस्त रखे।
हाइपरएक्टिव बच्चों को कंट्रोल करना
हाइपरएक्टिव बच्चों को सिर्फ कंट्रोल करने के बजाय अगर उन्हें समझदारी से हैंडल किया जाए तो वे पढ़ाई, खेल और क्रिएटिविटी में बाकी बच्चों से भी आगे निकल सकते हैं।
बच्चों पर गुस्सा न करें
बच्चे की हर छोटी शैतानी पर गुस्सा करने की बजाय कुछ हरकतों को नजरअंदाज करना सीखें। ये उसकी उम्र और एनर्जी का हिस्सा होती हैं और उसे मौका देने की जरूरत होती है।
फ्री एक्टिविटी कराएं
बच्चों को कभी-कभी खुलकर उछलने-कूदने देने से उनका मन हल्का होता है और वे शांत भी होते हैं। इसलिए, उन्हें दिन में थोड़ा समय ऐसी फ्री एक्टिविटी के लिए देना चाहिए।
हाइपरएक्टिव बच्चा एक संभावनाओं से भरा हुआ व्यक्तित्व होता है, जिसे प्यार, समय और समझदारी से एक बेहतर इंसान बनाया जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com