ऑस्टियो सार्कोमा कैंसर हड्डियों का एक गंभीर रोग है, जो खासकर बच्चों और युवाओं में ज्यादा होता है। यह कैंसर ज्यादातर जांघ, घुटने और कंधे की हड्डियों को प्रभावित करता है।
एक्सपर्ट की राय
नोएडा स्थिति मानस हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सचिन भामू से ऑस्टियो सार्कोमा कैंसर के बारे में विस्तार से जानते हैं?
ऑस्टियो सार्कोमा कैंसर के लक्षण
इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों में हड्डियों और जोड़ों में तेज दर्द होना, सूजन आना और हड्डियों पर गांठ जैसा महसूस होना शामिल है। लंगड़ाहट या चलने में दिक्कत होना भी आम संकेत हैं।
थकान महसूस होना
अगर बिना किसी चोट के हड्डियां टूटने लगें, तो यह भी ऑस्टियो सार्कोमा का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। इसके अलावा शरीर में थकान महसूस होना और अचानक वजन बढ़ना भी इस बीमारी के संकेत हो सकते हैं।
ऑस्टियो सार्कोमा कैंसर
ऑस्टियो सार्कोमा कैंसर मुख्यतः दो उम्र समूहों में देखा जाता है। युवाओं में और 55 वर्ष से ऊपर के लोगों में। यह बीमारी पुरुषों में महिलाओं की तुलना में थोड़ी अधिक होती है। खासकर, लंबाई वाले बच्चों में।
अनुवांशिक कारण
इस कैंसर का कारण ज्यादातर अनुवांशिक होता है, यानी परिवार में किसी को अगर यह बीमारी हो, तो बाकी सदस्यों को सावधानी रखनी चाहिए और नियमित जांच करानी चाहिए। रेडियोथेरेपी के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
हड्डियों में दर्द या सूजन
डॉक्टरों के अनुसार, अगर हड्डियों में लगातार दर्द या सूजन हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए। सही समय पर निदान और इलाज से इस कैंसर को काबू में रखा जा सकता है।
ऑस्टियो सार्कोमा का इलाज
ऑस्टियो सार्कोमा का इलाज मुख्यतः सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के जरिए किया जाता है। इलाज के बाद कुछ दुष्प्रभाव जैसे बालों का झड़ना, थकान और त्वचा की समस्या हो सकती है।
हड्डियों के दर्द, सूजन या असामान्य लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर से मिलें और अपनी हड्डियों की जांच कराएं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com