क्या व्रत रखने से कैंसर का खतरा कम हो सकता है?

By Aditya Bharat
06 May 2025, 10:30 IST

व्रत केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि शरीर की सफाई और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर को अंदर से ठीक करने में मदद करता है।

वैज्ञानिक रिसर्च का क्या कहता है?

University of Southern California की 2016 की स्टडी के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग से कैंसर सेल्स की वृद्धि धीमी होती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

सेल रिपेयर कैसे होती है?

व्रत के दौरान शरीर ऑटोफैगी प्रक्रिया से खराब कोशिकाओं को हटाता है। यह प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है।

सूजन और इंसुलिन पर असर

फास्टिंग से शरीर में सूजन और इंसुलिन लेवल घटता है। लंबे समय तक सूजन रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जिसे व्रत कम कर सकता है।

वजन घटाना क्यों जरूरी है?

मोटापा कैंसर का बड़ा कारण है। व्रत से वजन घटता है और मेटाबॉलिज्म सुधरता है, जिससे ब्रेस्ट, लिवर और कोलन कैंसर का खतरा कम हो सकता है।

व्रत के अलग-अलग तरीके

इंटरमिटेंट फास्टिंग, पानी उपवास या साप्ताहिक व्रत - सभी का शरीर पर अलग असर होता है। सही तरीका अपनाकर कैंसर जैसे रोगों से कुछ हद तक बचाव हो सकता है।

सही आहार से असर बढ़ेगा

व्रत के समय फल, सब्जियां और हल्का भोजन लेना चाहिए। सही डाइट और उपवास साथ में मिलकर शरीर को पोषण देते हैं और कैंसर विरोधी ताकत बढ़ाते हैं।

व्रत सबके लिए नहीं होता

डायबिटीज, थायरॉइड या कैंसर मरीज को बिना सलाह व्रत नहीं रखना चाहिए। डॉक्टर की सलाह से ही व्रत करना स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और फायदेमंद होगा।

व्रत कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है, लेकिन इसका इलाज नहीं है। संतुलित जीवनशैली, समय पर भोजन और व्यायाम के साथ ही इसका पूरा लाभ संभव है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com