आजकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए समय पर इसकी पहचान और इलाज बहुत जरूरी है। बता दें कि कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी एक अहम जांच है, जिससे यह समझा जाता है कि कैंसर है या नहीं, और अगर है तो कौन-से स्टेज या टाइप का है।
डॉक्टर से जानें
लेकिन कई लोगों को यह डर होता है कि बायोप्सी से कैंसर फैल सकता है। इस बारे में जानकारी के लिए हमने राजीव गांधी कैंसर संस्थान के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड, डॉ. शुभम जैन से बात की।
डॉक्टर के मुताबिक
डॉ. जैन के अनुसार, बायोप्सी से कैंसर फैलने का खतरा बहुत ही न के बराबर होता है। यह जांच कैंसर की सही जानकारी देने में मदद करती है जिससे इलाज सही समय पर शुरू हो सके।
क्या होता है बायोप्सी?
बायोप्सी एक टेस्ट है जिसमें डॉक्टर शरीर के किसी हिस्से से टिशू (ऊतक) का छोटा सैंपल निकालते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कैंसर है या नहीं।
कैसे की जाती है बायोप्सी?
डॉक्टर इमेज गाइडेंस से यह तय करते हैं कि सही जगह से सैंपल लिया जाए। केवल कुछ सेल्स ही लिए जाते हैं, जो शरीर में नहीं फैलते।
पूरी तरह सुरक्षित है बायोप्सी
ज्यादातर मामलों में बायोप्सी एक सुरक्षित प्रक्रिया है। डॉ. जैन कहते हैं कि वैज्ञानिक रूप से यह साबित हो चुका है कि सही तरीके से की गई बायोप्सी से कैंसर नहीं फैलता।
लोगों को भ्रम क्यों होता है?
कई बार बायोप्सी के बाद कैंसर का स्टेज या आकार बढ़ा हुआ लगता है। लेकिन यह इसलिए होता है क्योंकि बायोप्सी से पहले सही जानकारी नहीं होती थी। कुछ मरीजों को लगता है कि बायोप्सी के बाद हालत बिगड़ी, जबकि असल में कैंसर पहले से था और समय के साथ बढ़ रहा था।
बायोप्सी के फायदे
आपको बता दें कि बायोप्सी से न केवल कैंसर की पुष्टि होती है, बल्कि ये भी तय होता है कि कौन सा इलाज सबसे असरदार रहेगा।
अगर समय रहते कैंसर की पहचान करनी है, तो बायोप्सी जरूरी है। अगर आपको बायोप्सी की सलाह दी गई है, तो डरें नहीं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com