बदलती लाइफस्टाइल और हार्मोनल बदलाव के कारण आजकल कम उम्र की महिलाओं में भी बच्चेदानी में गांठ यानी फाइब्रॉएड की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
बच्चेदानी में गांठ
बच्चेदानी में गांठ यानी फाइब्रॉएड अक्सर बिना किसी लक्षण के पनपती है, लेकिन कुछ महिलाओं को ज्यादा पीरियड्स, पेट दर्द या बार-बार पेशाब आने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।
फाइब्रॉएड
एक्सपर्ट्स के अनुसार, फाइब्रॉएड सामान्य रूप से एक सौम्य यानी नॉन-कैंसर ट्यूमर होता है, लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में यह कैंसर में बदल सकता है। इसलिए, नियमित जांच जरूरी है।
फाइब्रॉएड के लक्षण
अधिकतर मामलों में फाइब्रॉएड में किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और बिना किसी इलाज के भी ये लंबे समय तक शरीर में मौजूद रह सकते हैं।
मेनोपॉज की स्थिति
मेनोपॉज के समय हार्मोन स्तर में गिरावट आने से फाइब्रॉएड का आकार छोटा हो सकता है या वह पूरी तरह से गायब भी हो सकता है। यह हर महिला में नहीं होता।
जांच कराएं
डॉक्टर की सलाह से नियमित सोनोग्राफी या पेल्विक एग्ज़ाम के जरिए बच्चेदानी की गांठ का समय रहते पता लगाया जा सकता है, जिससे किसी भी गंभीर स्थिति को टाला जा सकता है।
फाइब्रॉएड का इलाज
अगर फाइब्रॉएड कैंसर में बदलने की आशंका हो, तो डॉक्टर बायोप्सी, एमआरआई या सर्जरी जैसे विकल्पों की सलाह देते हैं, ताकि आगे का इलाज तय किया जा सके।
डॉक्टर से सलाह लें
अगर बच्चेदानी की गांठ में अचानक आकार बढ़ने लगे या लक्षण गंभीर हो जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है। ये कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं।
महिलाओं को पीरियड्स या पेल्विक दर्द में कोई असामान्य बदलाव महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com