बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण किडनी स्टोन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या में पेट दर्द, पेशाब में जलन और पेशाब में रुकावट जैसे लक्षण आमतौर पर देखने को मिलते हैं।
एक्सपर्ट की राय
इस बारे में गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदिक एक्सपर्ट राहुल चुर्तेवेदी का कहना है कि पथरी की समस्याओं को आयुर्वेदिक दवाओं से जड़ से खत्म किया जा सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार
आयुर्वेद में किडनी स्टोन को अश्मरी कहते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से कैल्शियम और यूरिक एसिड के असंतुलन के कारण होती है, जिससे पथरी किडनी में जमा होने लगती है और असहनीय दर्द का कारण बनती है।
किडनी स्टोन के प्रकार
किडनी स्टोन के चार प्रकार होते हैं- कैल्शियम स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन, स्ट्रूविटा स्टोन और सिस्टिन स्टोन। इनमें से कैल्शियम और यूरिक एसिड स्टोन सबसे सामान्य और ज्यादा पाए जाने वाले प्रकार हैं।
किडनी स्टोन का कारण
डॉक्टर के अनुसार, कम पानी पीना, जंक फूड का ज्यादा सेवन, और शरीर में विटामिन-डी की अधिकता किडनी स्टोन बनने के मुख्य कारण हैं। समय पर निदान और उपचार आवश्यक है।
किडनी स्टोन के लक्षण
किडनी स्टोन के लक्षणों में पेट में ऐंठन, पेशाब में खून आना, मूत्र मार्ग में दर्द और दुर्गंध, उल्टी और बुखार शामिल हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आयुर्वेदिक दवाएं
आयुर्वेदिक दवाएं किडनी स्टोन को जड़ से खत्म करने में प्रभावी हो सकती हैं। फेडिस्को गोली, पासण भेद जड़ी, अम्लीय झार और कुलथी दाल जैसे प्राकृतिक उपचार पथरी को खत्म करने में मददगार हैं।
कुलथी की दाल
कुलथी की दाल और बेलपत्र जैसे आयुर्वेदिक नुस्खे भी पथरी को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इन्हें नियमित रूप से लेने से धीरे-धीरे पथरी का आकार घटता है और यह मूत्रमार्ग से बाहर निकल सकती है।
हेल्दी डाइट
पथरी से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है। टमाटर, बैंगन, मूंगफली, पालक, और जंक फूड्स से बचें। ज्यादा पानी पिएं और प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन सीमित करें।
किडनी स्टोन की रोकथाम के लिए पर्याप्त पानी पीना और फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है। आयुर्वेद के उपाय अपनाकर पथरी से जुड़ी परेशानियों से आसानी से बचा जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com