खून की एसिडिटी कम करने के आयुर्वेदिक उपाय

By Aditya Bharat
07 Dec 2024, 14:35 IST

जब शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और खून में बाइकार्बोनेट कम हो जाता है, तो यह स्थिति एसिडिटी कहलाती है। यह समस्या तब होती है जब फेफड़े या किडनी ठीक से काम नहीं करते। ऐसे में ईइए जानते हैं आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर मीहिर सिंह से, खून की एसिडिटी कैसे कम करें।

मेटाबॉलिक और रेस्पिरेटरी एसिडोसिस

मेटाबॉलिक एसिडोसिस तब होता है जब शरीर में एसिड बढ़ जाता है और वह बाहर नहीं निकल पाता। वहीं, रेस्पिरेटरी एसिडोसिस तब होता है जब फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाते हैं।

मेटाबॉलिक एसिडोसिस के कारण

यह समस्या टाइप 1 डायबिटीज, किडनी की खराबी या लंबे समय तक दस्त होने के कारण हो सकती है। शरीर से एसिड पेशाब के जरिए बाहर न निकलने पर यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

रेस्पिरेटरी एसिडोसिस के कारण

इसका मुख्य कारण फेफड़ों का सही से काम न करना है। निमोनिया, अस्थमा, और सीओपीडी जैसी समस्याएं इसमें योगदान देती हैं। इसके अलावा, शराब और नींद की दवाइयां लेने से भी यह स्थिति हो सकती है।

एसिडिटी के लक्षण

एसिडिटी के लक्षणों में थकान, कमजोरी, सिर दर्द, जी मिचलाना और उल्टी शामिल हैं। यह लक्षण गंभीर होने पर स्वास्थ्य को काफी प्रभावित कर सकते हैं।

आयुर्वेद में उपाय

आयुर्वेद के अनुसार, अर्जुन की छाल खून की एसिडिटी को कंट्रोल करने में मदद करती है। यह सर्दियों में शरीर के वात को संतुलित करने के साथ-साथ दिल को भी मजबूत बनाती है।

कैसे करें सेवन?

अर्जुन की छाल को गर्म पानी में उबालकर इसका काढ़ा बना सकते हैं। इसे दूध में उबालकर भी पीना फायदेमंद होता है। बाजार में इसका पाउडर आसानी से उपलब्ध है, जिसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।

रूटीन में बदलाव

अर्जुन की छाल का सेवन करने के साथ अपनी डेली रूटीन में भी बदलाव लाने जरूरी है, इससे आप स्वस्थ रहेंगे।

बताए गए तरीकों को अपनाकर आप स्वस्थ रह सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com