आलस्य रहेगा कोसों दूर आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

By Lakshita Negi
06 Jun 2025, 12:00 IST

सुबह उठने में दिक्कत, दिनभर थकान या काम में मन न लगना ये लक्षण आलस के हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ बिगड़ने या पाचन कमजोर होने से यह दिक्कत हो सकती है। आइए जानें कुछ उपाय जिनसे आलस कम किया जा सकता है।

त्रिकटु चूर्ण से एनर्जी

सोंठ, काली मिर्च और पीपली से बना त्रिकटु चूर्ण शरीर की आग को तेज करता है। इससे डाइजेशन अच्छा होता है आलस दूर करने में मदद मिलती है।

सुबह गुनगुना पानी पीना

सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। इससे शरीर हल्का फील होता है और दिनभर की सुस्ती कम होती है।

ब्राह्मी से दिमाग तेज होता है

ब्राह्मी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो मेंटल स्ट्रेस और थकान को दूर करती है। इसके नियमित सेवन से एकाग्रता और फोकस बढ़ता है।

आंवला फायदेमंद

आंवला में विटामिन सी भरपूर होता है और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। यह थकावट और कमजोरी को दूर करके दिनभर एक्टिव बनाए रखता है।

नस्य क्रिया फायदेमंद

नाक में आयुर्वेदिक ऑयल डालने की प्रोसेस को नस्य कहते हैं। इससे आलस, सिरदर्द और भारीपन कम होती है और दिमाग फ्रेश रहता है।

तेल मालिश

सरसों या नारियल ऑयल से रोजाना मालिश करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। इससे शरीर में गर्मी होती है और आलस दूर होता है।

लाइफस्टाइल और नींद का बैलेंस

आयुर्वेद में टाइम पर सोना और उठना शरीर को हेल्दी और एनर्जेटिक बनाए रखता है। अनियमित नींद आलस का मुख्य कारण बन सकती है।

कैफीन या एनर्जी ड्रिंक के बजाए आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल अपनाकर लंबे टाइम तक एनर्जेटिक और एक्टिव रह सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com