अस्थमा के लक्षणों से राहत पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय अपनाना फायदेमंद साबित हो सकता है।
एक्सपर्ट की राय
अस्थमा के लक्षणों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय अपना सकते हैं। इन उपायों के बारे में जानने के लिए हमने सुधा क्लीनिक के आयुर्वेदिक डॉक्टर अलका शर्मा से बात की है।
हल्दी
अस्थमा से राहत पाने के लिए हल्दी बेहद फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन गले की सूजन कम करके खांसी और बलगम को दूर करने में मदद करता है।
शहद और प्याज
शहद और प्याज का मिश्रण कफ हटाकर सांस की नलियों को साफ करता है, जिससे सांस फूलने की समस्या कम होती है और फेफड़ों में जमी बलगम धीरे-धीरे निकलने लगती है।
सरसों के तेल से मालिश करें
सरसों के तेल से छाती की मालिश करने से कफ ढीला होकर बाहर निकलता है, जिससे सीने में जकड़न कम होती है और अस्थमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होना
रात को सोने से पहले सरसों के तेल से छाती की मालिश करने से फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे अस्थमा के कारण होने वाली घरघराहट कम होती है।
अदरक और लहसुन
अदरक और लहसुन में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण अस्थमा से राहत दिलाने में मददगार हैं। ये छाती में जमा बलगम को ढीला करके गले की नलियों को खोलने का काम करते हैं।
सूजन होगी कम
अदरक और लहसुन का सेवन अस्थमा के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ शरीर को डिटॉक्स भी करता है, जिससे फेफड़ों में सूजन कम होती है।
हर्बल चाय
हर्बल चाय में अजवाइन, तुलसी, काली मिर्च और अदरक का कॉम्बिनेशन अस्थमा के लक्षणों को कम करता है। इससे खांसी, जुकाम और बलगम से राहत मिलती है।
हर्बल चाय पीने से न केवल अस्थमा के लक्षणों से आराम मिलता है, बल्कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com