
मैग्नीशियम एक प्रकार का रासायनिक तत्व है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। यह कैल्शियम और बेरियम की तरह एक क्षारीय तत्व है। मैग्नीशियम आदमी के शरीर में पाए जाने वाले पांच प्रमुख तत्वों में से एक है।
पूरे शरीर का आधे से अधिक मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में पाया जाता है जबकि बाकी शरीर में हाने वाली अन्य जैविक क्रियाओं में सहयोग करता है। आमतौर पर एक स्वस्थ खुराक में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होनी अनिवार्य है। मैग्नीशियम की अधिकता से डायरिया और कमी से न्यूरोमस्कुलर की समस्या हो सकती है। यह हरी सब्जियों में के साथ सूखे मेवे में पाया जाता है। इस लेख में जानिए मैग्नीशियम के स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
याददाश्त के लिए
खाने में यदि मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा है तो इससे याददाश्त मजबूत होती है। विज्ञान पत्रिका न्यूरॉन में छपे एक शोध के अनुसार, याददाश्त को बढ़ाने के लिए मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ाना कारगर उपाय हो सकता है। मैग्नीशियम मस्तिष्क सहित शरीर के अनेक ऊतकों के सही ढंग से काम करने के लिए अनिवार्य है। इसलिए याददाश्त की क्षमता को बढ़ाने के लिए मैग्नीशियम का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
आस्टियोपोरोसिस से बचाव
यदि हड्डियों में मैग्नीशियम की कमी हो गई तो इसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना भी बढ़ जाती है। पूरे शरीर का आधे से अधिक मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में पाया जाता है। कई शोधों में भी यह बात सामने आयी है कि मैग्नीशियम हड्डियों की बीमारी खासकर आस्टियोपोरोसिस से बचाता है।
दिल के लिए
मैग्नीशियम दिल के लिए बहुत फायदेमंद है। कोरोनरी हार्ट डिजीज से बचाव के लिए मैग्नीशियम का सेवन कीजिए। यदि शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाये तो दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है। इसलिए दिल को मजबूत बनाने के लिए मैग्नीशियम का सेवन भरपूर मात्रा में कीजिए।
हाइपरटेंशन से बचाव
मैग्नीशियम रक्तचाप को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह हाइपरटेंशन से बचाव करता है। इसलिए रक्तचाप को सुचारु करने के लिए ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन कीजिए।
मधुमेह से बचाव
एक शोध में यह बात सामने आयी है कि यदि शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाये तो इसके कारण टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए यदि मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी से बचना है तो मैग्नीशियमयुक्त आहार का सेवन अवश्य कीजिए।
सिरदर्द और अनिद्रा
मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा न लेने से सिरदर्द, अनिद्रा, तनाव आदि की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा यह मनोरोगों से भी बचाता है। इसलिये तनाव और अवसाद से बचने के लिए मैग्नीशियम का भरपूर सेवन कीजिए।
गर्भावस्था के दौरान
गर्भवती महिला और उसके भ्रूण के लिए मैग्नीशियम बहुत जरूरी है। गर्भवती महिला के शरीर में पल रहे बच्चे के ऊतकों की मरम्मत के लिए 350-400 मिग्रा अतिरिक्त मैग्नीशियम की जरूरत होती है। यदि गर्भावस्था के दौरान मैग्नीशियम की कमी हो जाये तो भ्रूण के विकास में बाधा हो सकती है।
मैग्नीशियम बढ़ाने के तरीके
साबुत अनाज, मछली, हरी और पत्तेदार सब्जियों, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, ब्राउन राइस, बादाम, पालक, दलिया, आलू, दही, बींस, डेयरी उत्पाद, चॉकलेट कॉफी, आदि मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं, इनका सेवन भरपूर मात्रा में कीजिए।
शरीर के सुचारु रूप से काम करने और हड्डियों के अच्छे से विकास के लिए मैग्नीशियम बहुत जरूरी है।
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