विश्वभर में थायरॉइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण लोगों में अस्वस्थ खान-पान की आदत और लगातार बढ़ता मोटापा है। थायरॉइड का मु्ख्या कारण शरीर में आयोडिन की कमी और मोटापा है। थॉयराइड रोग कई तरह से लोगों को प्रभावित करता है। गले में होने वाले इस रोग की वजह से कई अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है। थायरॉइड नॉड्यूल्स, थायरॉइड हार्मोन के कारण होने वाली खतरनाक समस्या है।
थायरॉइड नॉड्यूल्स थायराइड ग्रंथि में असामान्य वृद्धि को दर्शाता है। थायरॉइड नॉड्यूल्स इस ग्रंथि के किसी भी हिस्से में निकल सकता है। हालांकि कुछ नॉड्यूल को आसानी से पहचान में आ जाते हैं। लेकिन कुछ थायराइड नॉड्यूल ऐसे भी होते हैं जो थॉयराइड ऊतकों में मौजूद होते हैं लेकिन उनकी पहचान आसानी से नहीं की जा सकती है।
थायरॉयड ग्रंथि गले में पायी जाती है, यह ग्रंथि सांस नली और ट्रेकिया के चारों तरफ तितली के आकार में लिपटी होती है। थायराइड नॉड्यूल के कारण थायराइड कैंसर के होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। यदि समय पर इसका निदान न किया जाये तो इसका आकार बढ़ जाता है और यह बाहर से दिखाई देता है। इसके कारण निगलने में दिक्कत हो सकती है। आइए हम आपको थायराइड नॉड्यूल के नक्षण और कारण के बारे में बताते हैं।
थायराइड नॉड्यूल के लक्षण
ज्यादातर मामलों में थायराइड नॉड्यूल आसानी से पहचान में नहीं आता और न ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं, जब तक इसमें सूजन न आ जाये, सूजन के कारण यह फूलता है, इसके कुछ लक्षण हैं -
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- इनको सूजन के आधार पर आसानी से देखा जा सकता है।
- शुरूआत में निगलने में दिक्कत होती है जिससे इनको महसूस भी किया जा सकता है।
- कुछ मामलों में थायराइड नोड्यूल अतिरिक्त मात्रा में थायराक्सिन हार्मोन का उत्सर्जन करते हैं।
- थायराइड नॉड्यूल की वजह से अचानक वजन घट सकता है।
- दिल की धड़कन भी अनियमित हो जाती है, जो कभी कम या ज्यादा हो जाती है।
- इसके कारण बोलने में भी दिक्कत हो सकती है, क्योंकि यह वॉयस बॉक्स (लेरिंक्स) को संकुचित कर देता है।
- रात को सोने में दिक्कत होती है, ऐसा थायराइड नोड्यूल के बढ़ने से होता है।
- मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण मरीज को थकान और कमजोरी का एहसास होता है।
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थायराइड नॉड्यूल के कारण
आयोडीन की कमी
खाने में आयोडीन की कमी के कारण थायराइड नोड्यूल के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। यदि आपके आहार में आयोडीन की मात्रा कम है तो थायराइड ग्रंथि में थायराइड नोडल का विकास हो जाता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि आप आयोडीन की कमी केवल नमक से करें, इसके लिए आप आयोडीनयुक्त आहार भी खा सकते हैं। सबसे ज्यादा आयोडीन समुद्री मछली में पाया जाता है।
थायराइड ऊतक से
यदि थायराइड ऊतक असामान्य रूप से बढ़ जाता है, तब भी थायराइड नोड्यूल की समस्या हो सकती है, इस स्थिति को थायराइड एडेनोमा नाम से भी जाना जाता है - हांलाकि आमतौर पर यह नॉनकैंसरस होता है और इसके कारण ज्यादा गंभीर समस्या नहीं होती है। कुछ एडेनोमा ऐसे भी हैं जो अपने-आप थायराइड हार्मोन का उत्सर्जन पिट्यूटरी ग्रंथि के बाहर करते हैं, इसके कारण हाइपरथायराइडिज्म की समस्या हो सकती है।
थायराइड सिस्ट
तरल पदार्थों से भरी गुहायें (इसे सिस्ट भी कहते हैं) थायराइड में समसे सामान्य रूप में पायी जाती हैं, इसके कारण ही थायराइड एडीनोमा की स्थिति आती है। कभी-कभी ठोस पदार्थ थायराइड सिस्ट में तरल पदार्थों के साथ मिल जाते हैं। हालांकि आमतौर पर अल्सर यानी सिस्ट सौम्य होते हैं, लेकिन कभी-कभी उनके साथ घातक ठोस पदार्थ भी होते हैं।
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थायराइड की सूजन
थायराइड ग्रंथि में जब लंबी अवधि तक सूजन रहती है तब भी थायराइड नोड्यूल होने की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति को थायराइडिटिस भी कहते हैं। सामान्यतया हसीमोटोज एक प्रकार का विकार है, जो थायराइड ग्रंथि में सूजन बढ़ने के कारण होता है और थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को कम कर देता है, इसे हाइपोथायराइडिज्म कहते हैं।
थायराइड कैंसर
थायराइड कैंसर में नॉड्यूल के छोटे रहने की ज्यादा संभावना रहती है। यदि परिवार में किसी को यह बीमारी हुई तो घर के अन्य सदस्यों में भी इस बीमारी के होने की संभावना रहती है। यदि आपकी उम्र 30 से 60 के बीच की है तो आपको इसका जोखिम ज्यादा होता है।
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