
सिर पर लगने वाली मामूली चोट भी कई बार खतरनाक हो सकती है क्योंकि मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है, जिसके सहारे अन्य दूसरे अंग काम करते हैं।
सिर पर लगने वाली मामूली चोट भी कई बार खतरनाक हो सकती है क्योंकि मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है, जिसके सहारे अन्य दूसरे अंग काम करते हैं। सिर की सुरक्षा बहुत जरूरी है इसीलिए ड्राइविंग करने, खेल खेलने या स्कीइंग आदि जैसे स्पोर्ट्स के समय हेलमेन पहनने को जरूरी माना जाता है। प्रकृति ने हमारे मस्तिष्क को खोपड़ी के अंदर सुरक्षित रखा है मगर कई बार गलत जगह या गलत तरीके से चोट लग जाने के कारण सिर पर लगने वाली चोटें गंभीर हो जाती हैं। आइए आपको बताते हैं सिर की 5 गंभीर समस्याएं, जो हल्की सी चोट से भी आपको हो सकती हैं।
स्कल (खोपड़ी) फ्रैक्चर
स्कल यानी खोपड़ी में लगने वाली चोट के कारण जब हड्डियां टूट जाएं, तो इसे ही स्कल फ्रैक्चर कहते हैं। कई बार खोपड़ी में चोट लगने के साथ-साथ मस्तिष्क भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। चोट लगने पर बाहर से सूजन और स्किन लाल होने के संकेत दिखते हैं मगर फैक्चर के संकेत नहीं दिखते हैं। कई बार नाक और कान से खून निकलने लगता है। यह समस्या भी आपके लिए खतरनाक हो सकती है।
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हेमाटोमा
कई बार सिर में अचानक लगने वाली थोड़ी सी चोट भी हेमाटोमा जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। हेमाटोमा एक ऐसी स्थिति है कि जिसमें ब्लड वेसल्स में रक्त के थक्के जम जाते हैं। यह बहुत खतरनाक स्थिति होती है। थक्के जमने से मस्तिष्क में प्रेशर बनता है जिससे मरीज चेतनाशून्य हो सकता है।
एडिमा
सिर में किसी भी तरह की चोट लगने से एडिमा हो सकता है। एडिमा शरीर में होने वाली सूजन को कहा जाता है। सूजन होना कोई बड़ी समस्या नहीं है। लेकिन सिर में लगने वाली चोट के कारण होने वाली सूजन बहुत गंभीर हो सकती है। दिमाग की नसों में सूजन के कारण स्ट्रोक हो सकता है और मरीज के दिमाग और शरीर का आपसी तालमेल पूरी तरह बिगड़ सकता है। चोट के कारण सूजन एक गंभीर समस्या हो सकती है जब सूजन अंदर होती है। इससे स्कल की मसल्स पूरी तरह खुल नहीं पाती और स्कल और ब्रेन दोनों एक दूसरे पर दबाव बनाते रहते हैं।
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डिफ्यूज एग्जॉनल इंजरी
डिफ्यूज एग्जॉनल इंजूरी मस्तिष्क की एक गंभीर समस्या होती है। कई बार सिर में लगी चोट से खून तो नहीं निकलता है, लेकिन इससे हमारी ब्रेन सेल्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। अन्य ब्रेन इंजरी की तरह डिफ्यूज एग्जोनल इंजरी होने पर बाहर से कोई लक्षण दिखते नहीं है। नतीजतन मरीज को यह पता नहीं चलता कि उसे कहां और कब चोट लगी है। आमतौर पर ये समस्या होने पर मरीज को सिरदर्द, कंफ्यूजन, सोने में समस्या, उल्टी और जी मिचलाने जैसे लक्षण महसूस होते हैं। अगर यह सही समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए, तो मरीज की जान भी जा सकती है।
ब्रेन हैमरेज
ब्रेन हैमरेज की स्थिति में मरीज के सिर के अंदर ही बहुत अधिक मात्रा मे खून निकलना (हैवी ब्लीडिंग) शुरू हो जाता है। मस्तिष्क में जहां भी जगह खाली होती है, रक्त वहीं प्रवाहित हो जाता है। ब्रेन हैमरेज एक खतरनाक स्थिति है, जो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। हैमरेज में मरीज को अकसर उल्टी होना, सिर दर्द बने रहना जैसी समस्या होती है जबकि इंट्रासेरेबल के तहत हो रही ब्लीडिंग की स्थिति किस मात्रा में ब्लीडिंग हो रही है, उस पर निर्भर होती है।
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