डायबिटीज से पीडि़त लोगों को अक्सर ब्लड शुगर लो होने पर घबराहट और चक्कर आने की शिकायत रहती है। शुगर लेवल डाउन होने पर उन्हें हमेशा खतरा बना रहता है। लेकिन अब इस तरह की परेशानी से घबराने की जरूरत नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई चिकित्सकों ने डायबिटीज के रोगियों की इस समस्या का समाधान खोज निकाला है।
चिकित्सकों ने डायबिटीज के रोगियों के लिए किसी भी प्रकार के खतरों से बचने के लिए एक पंप तैयार किया है। आग्नाशय के आकार वाले इस पंप को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में प्रिंसेज मार्गरेट हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रेन में इंडोक्रिनॉलॉजी विभाग के प्रमुख टिम जॉन्स और उनके साथियों ने तैयार किया है।
यह पम्प डायबिटीज रोगियों में इन्सुलिन पहुंचाता है और उसे रोकता है। इसके साथ ही यह उपकरण रोगियों में घातक कोमा की पहचान कर सकता है और रक्त में शुगर का स्तर कम होने पर इन्सुलिन की आपूर्ति को रोकता है।
जॉन्स ने बताया कि कुछ रोगियों में दिल की धड़कन तेज होने और रक्त में ग्लूकोज की बूंदों के रूप में अस्थिरता जैसे लक्षण देखे गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य लोगों को कोई चेतावनी संकेत नहीं मिलता है। इस तकनीक पर ज्यादा भरोसा किया जा सकता है। जॉन्स का दावा है कि यह पम्प रोगियों को हाइपोग्लाइसीमिया और रक्त में कम ग्लूकोज से भी बचाएगा।
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