हार्ट अटैक का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने आसपास हार्ट अटैक के कारण सैकड़ों लोगों को मरते देखा है। मगर क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होने पर अगर मरीज या उसके आसपास मौजूद लोग सही समय पर कुछ जरूरी निर्देशों का पालन करें, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है?
दरअसल हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेन्सी की स्थिति होती है, यानी किसी भी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखने पर उसका इलाज जितनी जल्दी शुरू किया जाए, उसके बचने की संभावना उतनी ज्यादा होती है। मगर ऐसा जरूरी नहीं कि जब भी व्यक्ति को हार्ट अटैक आए, तो उसके आसपास कोई मदद करने वाला मौजूद हो या अस्पताल मौजूद हो। ऐसे में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने से मरीज को कम से कम अस्पताल तक पहुंचने का समय मिल जाता है। आइए आपको बताते हैं क्या हैं वो जरूरी बातें-
सबसे पहले जानें, क्यों आता है हार्ट अटैक?
आपको यह पता है कि हमारे पूरे शरीर में खून का प्रवाह हर समय बना रहता है। इस खून को शरीर में प्रवाहित करने का काम हार्ट (हृदय या दिल) करता है। हृदय का दायां हिस्सा आपके शरीर में मौजूद खून को आपके फेफड़ों (Lungs) में पंप करता है। यहां से खून में ऑक्सीजन घुलती है और फिर वो खून आपके हृदय के बाएं हिस्से में प्रवेश करता है। आपके हृदय का बायां हिस्सा इस ऑक्सीजनयुक्त खून को दोबारा पंप करता है और शरीर के सभी अंगों तक भेजता है।
हार्ट अटैक तब आता है जब खून आपके हृदय तक नहीं पहुंच पाता है। इससे हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं।
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किन लक्षणों से पहचानें हार्ट अटैक?
- हार्ट अटैक होने पर सीने में तेज दर्द होता है। कई बार सीने का दर्द बाएं कंधे और जबड़े के बीच चलता हुआ महसूस होता है।
- इसके अलावा पीठ के बीचों-बीच रीढ़ की हड्डी पर भी तेज दर्द महसूस हो सकता है।
- अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है और चेतना खोने लगती है, बेहोशी सी छाने लगती है।
- अगर व्यक्ति चल रहा है या खड़ा है, तो वो चलते-चलते गिर सकता है।
- तेज दर्द के साथ-साथ चेहरे और माथे पर पसीना आने लगता है और तेज गर्मी महसूस होती है।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण के महसूस होने पर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है। सही समय इन सभी निर्देशों का पालन करने पर हार्ट अटैक के मरीज (भले ही वो स्वयं आप हों) की जान बच सकती है।
- सबसे पहले एंबुलेंस को कॉल करें। नैशनल इमरजेन्सी नंबर 102 पर कॉल करें या अपने राज्य की इमरजेन्सी एंबेलेंस सेवा नंबर पता करके इसे फोन में सेव करके रखें।
- आप जहां, जिस भी स्थिति में वहीं बैठ जाएं। अगर आपके आसपास कुर्सी या सीट है, तो उस पर बैठ जाएं। अगर कुछ नहीं है, तो जमीन पर बैठ जाएं।
- अगर आपके कपड़े टाइट हैं, तो इन्हें तुरंत ढीला करें। शर्ट की ऊपर की बटन खोलें और गले में टाई पहनी है, तो इसे ढीली करें।
- जोर-जोर से गहरी सांसें लें। सांसें लेते समय गिनती गिनें। जितनी गहरी और जल्दी-जल्दी आप सांसें लेंगे, आपके फेफड़ों को उतनी जल्दी ऑक्सीजन मिलेगा।
- 300 MG की एस्प्रिन टेबलेट को तुरंत चबा लें। किसी व्यक्ति को अगर पहले हार्ट अटैक आ चुका है या वो हाई ब्लड प्रेशर का शिकार है, तो उसे अपने साथ 2-3 एस्प्रिन की टेबलेट्स जरूर रखनी चाहिए। अगर आपके पास एस्प्रिन टेबलेट नहीं है, तो अपने आसपास के लोगों से मदद मांगें।
- एस्प्रिन के तुरंत बाद नाइट्रोग्लिसरीन की 1 टेबलेट को अपनी जीभ के नीचे रखें और चूसें।
- अगर दर्द में कुछ कमी न महसूस हो, तो 15 मिनट में नाइट्रोग्लिसरीन की 1 और टेबलेट लें।
अगर आप इतने काम कर लेते हैं, तो एंबुलेंस के आने तक और अस्पताल पहुंचने तक आपको पर्याप्त समय मिल जाएगा। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर आपकी देखरेख और जांच, इलाज शुरू कर सकते हैं। इस तरह आप हार्ट अटैक के खतरे को थोड़ी सावधानी से दूर कर सकते हैं। अगर आपको कभी भी दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही है, तो अपने साथ पर्स या जेब में 2 टेबलेट 300 MG एस्प्रिन और 2 टेबलेट नाइट्रोग्लिसरीन की जरूर रखें।
अपने घर-परिवार और जानने वालों को इन 7 स्टेप्स के बारे में बताएं, ताकि सही समय पर उनकी जान बचाई जा सके। हार्ट अटैक आजकल बहुत सामान्य हो गया है। युवाओं और अधेड़ उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से सामने आने लगे हैं। इसलिए जानकारी और सही निर्देशों का पालन ही इस स्थिति में व्यक्ति की जान बचा सकता है।
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