अक्सर ऐसा कहा जाता है कि बाहर घूमने फिरने से कई लोग बीमार पड़ जाते हैं। जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि केवल सड़कें ही नहीं, घरों और ऑफिसों के अंदर की हवा भी कम जहरीली नहीं है। वायु प्रदूषण के कारण आप जब बाहर निकलने से डरते हैं तो घर के अंदर फैला वायु प्रदूषण भी आपकी सेहत के लिए उतना ही नुकसान देह है। घर के अंदर फैली विषाक्त हवा भी आपको बीमार करने के लिए काफी है।
साफ घर किसको पंसद नहीं। लेकिन सिर्फ साफ घर से सबकुछ नहीं होता। घर के अंदर की हवा को भी शुद्ध रखना बेहद जरूरी है नहीं तो आप निश्चित रूप से बीमार पड़ जाएंगे। घर के अंदर की वायु को शुद्ध करने के भी कई तरीके हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
खिड़कियां और दरवाजें खोले (Open Window And Gates)
घर में लगे अधिकांश हीटिंग और कूलिंग सिस्टम केवल घर में पहले से मौजूद हवा को फिर से इकट्ठा करते हैं, जिसमें सभी धूल, गंदगी और पराग शामिल होते हैं। जब मौसम अच्छा हो और प्रदूषित कणों की संख्या कम हो, तो चीजों को तरोताजा करने के लिए खिड़कियां और दरवाजे खोल दें। यह उस वक्त महत्वपूर्ण हो जाता है जब घर में रखी पेंटिंग से बू आ रही हो, खाना पकाने या फिर केरोसीन हीटर या लकड़ी जैसी चीजों पर काम चल रहा हो।
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साफ-सफाई के उप्तादों पर दें ध्यान (Take Note Of Cleaning Products)
कुछ क्लीनरों में कठोर रसायन होते हैं, जो सांस लेने में समस्या पैदा कर सकते हैं या एलर्जी या फिर अस्थमा के अटैक को बढ़ा सकते हैं। बाजार से इस तरह के उत्पाद खरीदने से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें और उन उत्पादों से दूर रहे, जिनमें वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी), सुगंध, या ज्वलनशील तत्व होते हैं। आप सादे साबुन और पानी, सिरका, या बेकिंग सोडा के साथ अपने स्वयं के क्लीनर बना सकते हैं।
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घरों में लगाएं पौधे (Houseplants)
ये देखने में तब और अच्छे लगते हैं खासकर जब आपका घर एनर्जी एफिशियंट हो या फिर वह अच्छी तरह से हवादार न हो। कार्बन डाइऑक्साइड से छुटकारा दिलाने और ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के अलावा यह पौधे रासायनिक वाष्प की हवा को साफ करने में मदद कर सकते हैं। अंग्रेजी आइवी, फिकस के पेड़, लिली और कुछ प्रकार के पाल्म आपको स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बाथरूम साफ रखें (Clean Your Bathrooms)
अगर आपके घर में फफूंद है, तो उसके छोटे-छोटे कण आपकी नाक और यहां तक कि आपके फेफड़ों में जा सकते हैं, जिससे खांसी या छींक या फिर सांस लेने में समस्या जैसे इससे एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं। फफूंद नम क्षेत्रों में अधिक होता है इसलिए बाथरूम को सूखा रखें। शावर के बाद उसे सूखाने के लिए पंखा चालू करें या फिर खिड़की खोल दें। इसके अलावा बाथरूम में गीले तौलिये और वॉशक्लॉथ न लटकाएं। अगर आपको टब या अन्य क्षेत्रों में फफूंद दिखती है तो आपको उसे अधिक बार साफ करने की आवश्यकता हो सकती है।
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एयर फ्रेशनर का प्रयोग संभल कर करें (Use Air Fresheners)
मनमोहक खुशबू कभी-खभी समस्या खड़ी कर सकती है। कुछ एयर फ्रेशनर में वीओसी होता है, जो आपके नाक और गले को नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ स्वास्थ्य और सौंदर्य उत्पादों सहित अन्य एरोसोल स्प्रे में भी वीओसी होता है।
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