मोटापे से भारी हो रहा है बच्चे का शरीर, तो इन 5 बातों का रखें ध्यान

छोटे बच्चे जब थोड़े मोटे और गोल-मटोल होते हैं, तो आपको बहुत प्यारे लगते हैं। मगर क्या आपको पता है कि अगर आपके लाडले का वजन लंबाई के हिसाब से थोड़ा भी ज्‍यादा है, तो जल्द ही वो मोटापे का शिकार हो सकता है। छोटी उम्र में ही शरीर पर ज्यादा चर्बी के कारण बच्‍चे को कई बीमारियां, जैसे- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, फैटी लिवर आदि हो सकती हैं। आपका बच्‍चा स्‍वस्‍थ रहे इसके लिए उसका वजन नियंत्रित रहना चाहिए।
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मोटापे से भारी हो रहा है बच्चे का शरीर, तो इन 5 बातों का रखें ध्यान


छोटे बच्चे जब थोड़े मोटे और गोल-मटोल होते हैं, तो आपको बहुत प्यारे लगते हैं। मगर क्या आपको पता है कि अगर आपके लाडले का वजन लंबाई के हिसाब से थोड़ा भी ज्‍यादा है, तो जल्द ही वो मोटापे का शिकार हो सकता है। छोटी उम्र में ही शरीर पर ज्यादा चर्बी के कारण बच्‍चे को कई बीमारियां, जैसे- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, फैटी लिवर आदि हो सकती हैं। आपका बच्‍चा स्‍वस्‍थ रहे इसके लिए उसका वजन नियंत्रित रहना चाहिए। अगर मोटापे के कारण आपके बच्चे का शरीर भारी हो रहा है, तो कुछ बातों का बचपन से ही ध्यान रखना जरूरी है।

ज्यादा कैलोरी वाले आहार न खाने दें

बच्चों को बाजार में मिलने वाले हाई कैलोरी फूड्स जैसे- पिज्जा, बर्गर, पफ्स, बिस्किट, चॉकलेट, मोमोज, चाउमीन आदि बहुत आकर्षित करते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा हर दिन हाई कैलोरी फूड्स की मांग करता है, तो उसे समझाएं और इन फूड्स का सेवन कम से कम करवाएं। बच्चे को घर पर ही बने हुए फूड्स खाने के लिए प्रेरित करें। खाने को आकर्षक बनाने के लिए इसे तरह-तरह के शेप, साइज में परोसें और रंगीन फलों और सब्जियों का प्रयोग करें।

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बाहरी फूड्स पर लगाएं पाबंदी

अकसर देखा जाता है कि बच्‍चे स्‍कूल के कैफिटेरिया या फिर बाजार से लंच खरीदते हैं। घर का खाना उन्‍हें पसंद नहीं आता। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में हुए एक अध्‍ययन के मुताबिक जो बच्‍चे सप्ताह में 3 बार से ज्यादा बाहर का खाना खाते हैं उनमें से करीब 45 फीसदी मोटापे की समस्‍या से ग्रसित हो जाते हैं। इस सर्वे में यह भी पाया गया कि बच्‍चे चिप्‍स और कोल्ड ड्रिंक्स आदि खरीदने में ज्‍यादा दिलचस्‍पी रखते हैं, इनका सेवन मोटापा बढ़ाता है।

टेक्नोलॉजी से थोड़ी दूर रखें

आजकल बच्चे ज्यादातर समय मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, आईपैड आदि पर बिताते हैं। बच्चों का टेक्नोलॉजी पर इतना ज्यादा निर्भर रहना उनमें कई तरह की बीमारियों का कारण बन रहा है। एक ही जगह पर देर तक बैठने के कारण और शारीरिक मेहनत बिल्कुल न करने के कारण बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। रात में देर तक जागने के कारण बच्चों में छोटी उम्र से ही ब्लड प्रेशर की समस्या हो रही है। बचपन का मोटापा बहुत खतरनाक होता है।

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बच्चों के साथ खाना खाने का नियम बनाएं

आपको दिन में कम से कम एक बार अपने बच्चों के साथ खाना जरूर खाना चाहिए। बच्चों के साथ खाना खाते समय आप भी हेल्दी फूड्स जैसे- रंगीन सब्जियां, फल आदि खाएं, जिससे बच्चे भी इन्हें खाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि खाना खाते समय बच्चे टीवी, मोबाइल आदि का इस्तेमाल न करें। खाना खाने के बाद बच्चों को सोने न दें और न ही लेटने दें, बल्कि उन्हें प्रेरित करें कि थोड़ी देर टहलें या खेलें। अधिक फल और सब्जियों का सेवन वजन बढ़ने के खतरे को कम करती है।

बच्चों को बाहर खेलने को कहें

अगर आपका बच्चा भी हर समय घर में बैठे-बैठे इंटरनेट, टीवी और मोबाइल में बिजी रहता है, तो उसे बाहर खेलने जाने के लिए कहें। बच्चों की शारीरिक गतिविधि के लिए उन्हें कम से कम 60 मिनट का समय दें। बच्चों की गतिविधि में दौड़ना, रस्सी कूदना, फुटबॉल, स्विमिंग, साइकिलिंग शामिल करें।

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