भारत में कैंसर के जितने मरीज पाए जाते हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर की मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार भारत में साल 2016 में 14 लाख मरीज कैंसर से प्रभावित थे। पिछले सालों में ये संख्या दो गुनी हो गई है। सबसे गंभीर बात ये है कि ब्रेस्ट कैंसर के 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले तब पता चलते हैं, जब वो एडवांस स्टेज में पहुंच जाते हैं। यही कारण है कि हर साल लाखों महिलाएं और पुरुष ब्रेस्ट कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत में शरीर में कुछ बहुत मामूली परिवर्तन होते हैं, जिन्हें आमतौर पर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। अगर कैंसर की शुरुआत में ही दिखने वाले इन संकेतों को समझकर सही समय से जांच और इलाज किया जाए, तो न सिर्फ मरीज की जान बचाई जा सकती है, बल्कि कैंसर को पूरी तरह ठीक भी किया जा सकता है।
किसी एक या दोनों स्तनों में गांठ या दर्द महसूस होना
ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत स्तनों में गांठ से होती है। अगर आपको अपने किसी एक या दोनों स्तनों को छूने और दबाने पर गांठ जैसी महसूस होती है, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। किसी स्तन में गांठ महसूस होना, ब्रेस्ट कैंसर का सामान्य लक्षण है। ऐसे में स्तन में दर्द भी होता है। कई बार लड़कियां और महिलाएं ब्रेस्ट में होने वाले दर्द को पीरियड के दौरान होने वाली समस्या सोचकर नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर से जरूर परामर्श करना चाहिए। प्रत्येक महिला को हर 15 दिन पर अपने स्तनों को दबाकर स्वंय जांच करनी चाहिए, जिससे किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
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ब्रेस्ट के आकार में बदलाव
कई बार महिला के किसी एक या दोनों स्तनों के आकार में बदलाव आना शुरू हो जाता है, जैसे- एक स्तन बड़ा और एक छोटा होना या दोनों स्तनों का आकार बढ़ने या घटने लगना आदि। यदि आपको ब्रेस्ट या निप्पल को शीशे में देखने पर आकार में अंतर महसूस हो रहा है, तो यह स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में स्तन पर एक साइड सूजन या चकत्ते भी पड़ जाते हैं। निप्पल पर परत या पपड़ी बनने के साथ ही त्वचा के रंग में बदलाव भी स्तन कैंसर का कारण हो सकता है।
निप्पल से सफेद पानी जैसा रिसाव
यदि कोई महिला स्तनपान (ब्रेस्ट फीडिंग) नहीं कराती है मगर उसके निप्पल से दूध का रिसाव हो रहा है, तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है। दूध के अलावा खून या पानी का रिसाव होना भी खतरनाक है। कई बार निप्पल के आकार में बदलाव भी हो सकता है और महिला का कोई एक निप्पल अंदर की तरफ मुड़ सकता है।
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तेजी से वजन कम होना
लंबे समय तक बुखार, वजन कम होना और तीन से चार हफ्तों तक सुस्ती बने रहना भी स्तन कैंसर का इशारा हो सकता है। कई अन्य बीमारियों के साथ ही स्तन कैंसर में भी अचानक वजन कम हो जाता है। इसके अलावा पेट के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और अग्नाश्य कैंसर आदि में भी यह समस्या होती है।
स्तन कैंसर का कारण
धूम्रपान, अल्कोहल या पान मसाला का सेवन भी ब्रेस्ट कैंसर की आशंका को बढ़ाता है। कुछ महिलाएं बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कराती, जो कि स्तन कैंसर का बड़ा कारण होता है। देर से शादी होने पर भी ब्रेस्ट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। देर से शादी होने पर बच्चा देर से पैदा होता है। ऐसा माना जाता है कि देर से स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर की आशंका ज्यादा रहती है।
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