पुरुषों में इन दिनों गंजापन तेजी से बढ़ रहा है। लगातार स्ट्रेस और पोषण की कमी के कारण और अनुवांशिक कारणों से बड़ी संख्या में पुरुष गंजे हो रहे हैं। मेल पैटर्न बाल्डनेस (Male Pattern Baldness) एक वास्तविक समस्या है, जो इन दिनों पुरुषों को परेशान किए हुए है। आमतौर पर इस तरह के गंजेपन का मतलब होता है कि सिर के किसी खास हिस्से में बालों का कम मात्रा में उगना या परमानेंट झड़ जाना। दरअसल ये एक जेनेटिक समस्या है। बच्चों को पिता से मिले कुछ खास जीन्स एंड्रोजन हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण उनके बाल झड़ने लगते हैं।
बालों का झड़ना हर किसी के लिए बेहद चिंताजनक और तनावपूर्ण है क्योंकि घने बाल खूबसूरती की निशानी माने जाते हैं। मगर आजकल पुरुष गंजेपन को छिपाने के लिए कुछ खास तरीके अपना रहे हैं, जिससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ रहा है।
सर्जिकल हेयर ट्रांसप्लांट (Surgical Hair Transplant)
गंजेपन के बाद व्यक्ति को जो सबसे पहला ख्याल आता है, वो है हेयर ट्रांसप्लांट। इसका कारण आजकल हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर्स की ब्रांडिंग है, जो लोगों को आसानी से ये यकीन दिला देती है कि ट्रांसप्लांट ही गंजेपन का एकमात्र उपाय है। इस तरह के हेयर ट्रांसप्लांट के लिए खास सर्जरी के द्वारा कॉस्मेटिक सर्जन आपके शरीर के ऐसे अंग से हेयर फॉलिकल्स को निकालकर सिर पर लगा देते हैं, जहां बाल अच्छे और घने निकल रहे हों। ये थोड़ा ज्यादा खर्चीली प्रक्रिया है और कई बार इसकी सफलता में भी संदेह रहता है।
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लो-लेवल लेजर (Low-Level Laser)
लो-लेवल लेज थेरेपी को रेड लाइट थेरेपी या कोल्ड लेजर थेरेपी भी कहा जाता है। इस थेरेपी में गंजे वयक्ति की खोपड़ी वाली जगह के स्किन टिशूज में खास मशीन के द्वारा फोटॉन्स छोड़े जाते हैं। ये फोटॉन्स कई सप्ताह में कमजोर सेल्स के द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं, जिससे बालों का विकास अच्छी तरह होने लगता है। ये प्रोसीजर पूरी दुनिया में पॉपुलर है और सुरक्षित माना जाता है। सर्जरी के मुकाबले इस प्रक्रिया में शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। इसमें व्यक्ति को दर्द भी नहीं होता है और न ही इसका कोई साइड इफेक्ट अभी तक देखा गया है।
प्लेटलेट रिच प्लाजमा थेरेपी/ Platelet Rich Plasma (PRP)
PRP थेरेपी भी झड़े हुए बालों को दोबारा पाने के लिए एक अच्छा ट्रीटमेंट है। इसमें 3 स्टेप्स होते हैं, जिसमें व्यक्ति के शरीर से थोड़ी मात्रा में खून निकालकर इसकी प्रॉसेसिंग की जाती है और फिर खोपड़ी में इंजेक्ट कर दिया जाता है। चिकित्सकों के अनुसार इस प्रक्रिया से व्यक्ति के नैचुरल बाल ही दोबारा उगना शुरू हो जाते हैं। इस ट्रीटमेंट के द्वारा खोपड़ी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हेयर फॉलिकल हेल्दी हो जाते हैं, जिससे बाल बढ़ना शुरू हो जाते हैं।
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माइक्रोपिग्मेंटेशन (Micropigmentation) या टैटू
माइक्रोपिग्मेंटेशन इन दिनों काफी पॉपुलर हो रहा है। इस प्रक्रिया में बाल न तो दोबारा उगाए जाते हैं और न ही सर्जरी की जाती है। इसके बजाय अनुभवी डॉक्टर के द्वारा सिर पर खास टैटू बना दिया जाता है, जिससे देखने में व्यक्ति का गंजापन छिप जाता है। जाहिर है कि ये प्रक्रिया उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर साबित होगी जिनके सिर के बीच के हिस्से में गंजापन है। ये पिग्मेंटेशन इतनी सफाई से किया जाता है कि सामने से देखने पर कोई नहीं बता सकता कि व्यक्ति के बाल नहीं हैं।
वीव्स (Weaves)
वीव्स को कुछ लोग विग्स समझ लेते हैं। मगर इनमें अंतर होता है। बिग्स जहां कैप जैसे होते हैं, जिनमें आर्टिफिशियल बाल लगे होते हैं। वहीं वीव्स में आप पहले से उगे बालों के साथ कुछ आर्टिफिशियल बालों को लगाकर इसका घनत्व बढ़ा लेते हैं, जिससे बाल घने दिखने लगते हैं और गंजापन छिप जाता है।
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