पेट में गर्मी और जलन हो गई है तो कैसे पहचानें? इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से रखें गर्मियों में अपने पेट को ठंडा

अगर सही समय पर पेट की गर्मी को न दूर किया जाए तो ये कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है और आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है।   
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पेट में गर्मी और जलन हो गई है तो कैसे पहचानें?  इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से रखें गर्मियों में अपने पेट को ठंडा

अक्सर हम रात में कुछ ऐसी चीजों का सेवन कर लेते हैं, जो सुबह होते ही हमारे पेट में गर्मी और जलन की समस्या पैदा कर देती है और सुबह शौच के वक्त आलम ये होता है कि हम इस बात को सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं कि हमने रात में ऐसा क्या खाया था। कुछ लोगों को पेट में गर्मी और जलन की समस्या सामान्य लगती हैं। लेकिन हकीकत ये है कि अगर सही समय पर पेट की गर्मी को न दूर किया जाए तो ये कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है और आपके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट में जलन क्यों होती है दरअसल पेट में आमतौर पर बनने वाले एसिड का जरूरत से ज्यादा बनना ही इसका प्रमुख कारण है। होता यूं है कि हमारे पेट में एक एसिड बनता है, जिससे हमें खाना पचाने में मदद मिलती है। लेकिन जब इस एसिड की मात्रा हमारे शरीर में जरूरत से ज्यादा हो जाती है तो पेट में गैस, दर्द और जलन की समस्या शुरू हो जाती है। पेट में जलन का प्रमुख कारण भोजन का सही तरीके से नहीं पचना है, जिसके कारण एसिडिटी की समस्या हो जाती है। लेकिन ऐसे बहुत से कारण है, जिसकी वजह से पेट में जलन हो जाती है।

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पेट में जलन और गर्मी होने के कारण 

  • नियमित रूप से बहुत तेज मिर्च-मसालों वाला भोजन करना।
  • मांसाहार का अधिक सेवन।
  • शराब और सिगरेट का जरूरत से ज्यादा सेवन। 
  • अपनी मर्जी से पेनकिलर और दवाइयां लेना।
  • निर्धारित समय पर भोजन न करना। 
  • चाय-कॉफी का ज्यादा सेवन। 
  • गतिहीन जीवनशैली जीना। 

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पेट में गर्मी हो गई कैसे करें इसकी पहचान

  • सीने में बार-बार जलन महसूस होना।
  • सांस लेने में परेशानी। 
  • मुंह में खट्टा पानी आना।
  • खट्टी डकार आना।
  • घबराहट और उल्टी जैसा महसूस होना।
  • पेट में दर्द। 
  • गले में जलन महसूस होना। 
  • पेट फूलना । 
  • कब्ज रहना।
  • सिर दर्द होना। 
  • गैस बनना।

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पेट को कैसे रखें ठंडा 

पेट में गर्मी या जलन जैसी समस्या होने पर आप इन आयुर्वेदिक तरीकों से पेट को ठंडा रख सकते हैं। इसके साथ ही खान-पान के तरीकों में बदलाव भी आपके पेट को ठंडा रखने में मदद करेगा। 

तुलसी के पत्ते 

आयुर्वेद के मुताबिक, नियमित रूप से तुलसी के पत्तों का सेवन करने से आपके पेट में पानी की मात्रा और तरलता बढ़ जाती है, जिसके कारण पेट में अतिरिक्त एसिड नहीं बन पाता। तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करने वाले लोग ज्यादा तेज मिर्च-मसाले भी आसानी से पचा लेते हैं। अगर आप खाना खाने के बाद 5-6 तुलसी के पत्ते चबाते हैं तो आपके पेट में एसिडिटी की समस्या नहीं रहती। 

सौंफ का सेवन

आयुर्वेद के मुताबिक, अगर आप भोजन के बाद सौंफ का सेवन करते हैं ये आपके पेट को ठंडा रखने का काम करती है इसलिए सौंफ को भोजन करने के बाद अच्छा माना जाता है। दरअसल सौंफ की तासीर ठंडी होती है, जो आपके पेट में जलन और गर्मी को दूर करने का काम करती है। एसिडिटी की समस्या होने पर सौंफ को पानी में उबालकर पीना चाहिए। ऐसा करने से पेट की गर्मी दूर होती है। 

इलायची रखती है पेट को ठंडा

इलायची की तासीर ठंडी होती है और स्वाद मीठा। इलायची आपके पेट में अतिरिक्त एसिड नहीं बनने देती, जिसके कारण आपका पेट ठंडा रहता है। 

पुदीने के पत्ते 

आयुर्वेद के मुताबिक, पुदीने के पत्ते पेट के एसिड को कम कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करते हैं। पुदीने के पत्ते का सेवन आप यूं ही कर सकते हैं या फिर इन्हें पानी में उबाल कर भी खा सकते हैं। 

आंवला का सेवन

विटामिन सी से युक्त आंवला पेट की परेशानियों को दूर करने में लाभकारी होता है। अगर आप नियमित रूप से आंवला का सेवन करते हैं तो ये आपके पेट की गर्मी को दूर करता है और आपके पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है।

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