'साइलेंट' हार्ट अटैक की वजह है शरीर में होने वाली ये 3 परेशानियां, जानें साइलेंट ह्रदय रोगों के शुरुआती संकेत

साइलेंट हार्ट अटैक यानी ऐसा अटैक जिसमें कोई गंभीर लक्षण न दिखाई दें। साइलेंट हार्ट अटैक, सामान्य हार्ट अटैक से  ज्यादा खतरनाक होता है।
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'साइलेंट' हार्ट अटैक की वजह है शरीर में होने वाली ये 3 परेशानियां, जानें साइलेंट ह्रदय रोगों के शुरुआती संकेत


साइलेंट ह्रदय अटैक एक प्रकार का ह्रदय रोग है, जिसके लक्षण या तो बहुत कम दिखाई देते हैं या फिर सामने आती ही नहीं हैं, इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में "साइलेंट" हार्ट अटैक की स्थिति कही जाती है। इस स्थिति में आपको एक भी चेतावनी भरा संकेत नहीं दिखता है कि आपके ह्रदय में किसी प्रकार की कोई भी दिक्कत है जैसे सांस लेने में दिक्कत या फिर सांस न आना। हालांकि जब हालात थोड़े खराब होते चले जाते हैं तो कुछ लोग इन साइलेंट संकेतों को अपच,  जी मिचलानास मांसपेशियों में दर्द या फिर फ्लू के बिगड़ने जैसी कुछ समस्या मानकर सही उपचार प्राप्त नहीं कर पाते। यही कारण है कि साइलेंट हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। ऐसा नहीं है कि हार्ट अटैक अचानक आ जाता है और वो भी शरीर में बिना किसी परेशानी के। दरअसल शरीर में कुछ समस्याएं घर कर जाती हैं, जो आगे चलकर घातक हो जाती हैं और हार्ट अटैक पड़ जाता है। इस लेख में हम आपको ऐसे 3 कारण के बारे में बता रहे हैं, जो साइलेंट हार्ट अटैक की वजह बनते हैं।

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शरीर में ये 3 परेशानियां बनती हैं साइलेंट हार्ट अटैक की वजह

एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम  (Acute Coronary Syndrome)

ब्लॉकेज कभी भी हो सकती है और जब होती है तो पूर्ण रूप से होती है। ब्लॉकेज में आपकी रक्त वाहिकाओं में थक्के आते-जाते रहते हैं, जिस कारण कभी-कभी आपके नसें खुद ब खुद बंद हो जाती हैं और खुल भी जाती हैं। इस स्थिति में टिश्यू के साथ-साथ कुछ कोशिकाएं और ह्रदय का एक पूरा हिस्सा धीरे-धीरे नष्ट होता रहता है। ये एक बेहद ही गंभीर चिकित्सीय स्थिति है। ये स्थिति अचानक ही उत्पन्न होती है। इस स्थिति में अचानक आपकी धमनी में कुछ जाता है और ह्रदय में होने वाला रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिसके कारण हार्ट अटैक आ जाता है।

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इस्केमिक हृदय रोग (Ischemic Heart Disease)

इस्केमिक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त का प्रवाह (और उसके बाद ऑक्सीजन) शरीर के एक हिस्से में कम या फिर रुक जाता है। शरीर के किसी हिस्से में ऑक्सीजन के न पहुंचने से धमनियां संकुचित हो जाती है, जिसके कारण ह्रदय की मांसपेशियों में कम रक्त पहुंचता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति भी नहीं हो पाती है। इस स्थिति को कोरोनरी हार्ट कंडीशन कहते हैं। शरीर के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाने का सारा दबाव ह्रदय पड़ता है और ह्रदय जरूरत से ज्यादा दबाव सहन करने पर हार्ट अटैक आ जाता है।   

कोरोनरी आर्टरी डिस्सेक्शन (Coronary Artery Dissection)

कभी-कभी कोरोनरी फेल्योर आम कोरोनरी फेल्योर नहीं बल्कि आर्टरी वॉल के अचानक फट जाने के परिणामस्वरूप भी होता है। दरअसल आपकी आर्टरी वॉल में 3 लेयर होती हैं और एक बार फटने के बाद खून आपकी अंदरूनी परत तक पहुंच जाता है और एक जगह पर जमा होने लगता है। ये आपकी धमनी को संकुचित या फिर ब्लॉक कर देता है और इस कारण कोरोनरी फेल्योर हो जाता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि रक्त का प्रवाह आपकी आंतों की मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाता है।  अचानक होने वाली ये स्थिति असमान घटना से जुड़ी हुई है लेकिन ऐसा अक्सर अचानक ही होता है, इसलिए जरूरी है कि इसके लक्षण को समझें और तुरंत इलाज कराएं।

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साइलेंट ह्रदय रोगों के संकेत

  • छाती में दर्द और और जकड़न, जिसमें दबाव, भारीपन शामिल है। 
  • एक या दोनों हाथों, जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट में दर्द या फिर परेशानी।
  • सांस न आना।
  • चक्कर आना या सिर घूमने जैसा लगना। 
  • मतली।
  • पसीना आना।

साइलेंट ह्रदय रोग की रोकथाम

हार्ट की गतिविधियों को जांचने और उसे दुरुस्त बनाएं रखने के लिए कार्डियक टेलेमेटरी मॉनिटर जैसे उपकरण से घर पर जांच कर सकते हैं ताकि किसी भी प्रकारसके साइलेंट हार्ट रोग के होते ही उसका पता लगाया जा सके। ये टेस्ट आपके ह्रदय में आए बदलावों का खुलासा कर सकता है और संकेत दे सकता है कि आपको हार्ट अटैक हो सकता है। अगर आप इस बात को जानकर हैरान हो जाते हैं कि आपको साइलेंट हार्ट रोग है तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करिए। अपने लक्षणों, स्वास्थ्य इतिहास की समीक्षा कीजिए और डॉक्टर से बात कर उचित सहायता प्राप्त करें।

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