सामान्य समस्या जैसे - सिरदर्द, बदनदर्द, कोल्ड और फ्लू, खांसी आदि होने पर बिना चिकित्सक की सलाह के दवाओं का सेवन करना आपको तुरंत राहत तो दे सकता है लेकिन इसके घातक परिणाम हो सकते है। एंटीबॉयटिक दवाओं का अधिक सेवन करने से कई प्रकार की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। कुछ शोधों में यह भी बात सामने आ चुकी है कि एंटीबॉयटिक जानलेवा भी हो सकती हैं। इसलिए अगर आप दवाओं पर अधिक निर्भर रहते हैं तो खुद को बचाइये। इस लेख में विस्तार से जानिये दवाओं पर निर्भर रहने से क्या-क्या स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं।
![दवाओं पर ज्यादा निर्भर Depend on Pills in Hindi]()
शोध के अनुसार
एंटीबॉयटिक दवाओं का सेवन करना जानलेवा हो सकता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा किये गये शोध में एंटीबॉयटिक दवाओं के जानलेवा होने की बात सामने आयी। इस शोध में यह पता चला कि एंटीबॉयटिक दवाओं का सेवन करने वाले 15 प्रतिशत लोगों में डायरिया होने की संभावना रहती है। यह डायरिया एंटीबॉयटिक से जुड़े खास जीवाणु (क्लोस्टिरडियम डिफिसाइल) से जुड़ा होता है जो गंभीर होने पर जानलेवा हो सकता है।
खांसी के लिए सिरप
हल्की सी खांसी होने पर कफ सिरप का प्रयोग करना समझदारी नहीं है। डब्ल्यूएचओ और एफडीए ने बेनाड्रिल और कोरेक्स जैसी खांसी की दवाओं को प्रतिबंधित भी किया है। इनके अधिक प्रयोग के कारण गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल रोगों के होने की आशंका बढ़ जाती है। अगर इनका अधिक सेवन किया जाये तो अवसाद, याद्दाश्त कम होने की समस्या हो सकती है।
दर्दनिवारक दवायें
सिरदर्द, बदनदर्द, पेट में दर्द के लिए पेनकिलर का सेवन करना ठीक नहीं है। अक्सर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए ब्रूफेन, एस्पिरिन, कांबिफ्लेम जैसी दवाओं का सेवन करते हैं, इन दवाओं से दर्द तो तुरंत दूर होता है जाता है लेकिन इनके कारण एसिडिटी, उल्टी, डायरिया जैसी स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं। जबकि लंबे समय तक ऐसी दवाओं को सेवन करने से किडनी और ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याओं का सबब हो सकता है। इन दवाओं से हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं।
अनिद्रा के लिए
तनाव और देर रात तक काम करने के कारण नींद न आने की समस्या आम हो गई है। ऐसे में हम बिना सोचे नींद की दवाओं का सेवन करते हैं। इससे नींद तो आ जाती है लेकिन अगर इनका सेवन लंबे समय तक किया जाये तो इनके कारण अवसाद, अनिद्रा और याददाश्त से संबंधित समस्यायें हो सकती हैं।
गर्भनिरोधक दवायें
हालांकि गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से कोई नुकसान नहीं है लेकिन इनके अधिक सेवन से महिलाओं में दूध कम बनता और ये दवाएं मोटापे की वजह बनती हैं। इसलिए इन दवाओं का अधिक सेवन करने से बचें।
सामान्य समस्या बार-बार होने पर इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें और न ही इनका इलाज खुद से करें। दवाओं पर निर्भर रहने की बजाय शरीर की नियमित जांच करायें और हेल्दी लाइफस्टाइल आजमायें।