मोबाइल उपकरण या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। बहुत से लोग इस संभावना से भी परेशान रहते हैं, कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने या फिर धड़ल्ले से बात करने से मस्तिष्क कैंसर का खतरा रहता है या फिर लंबे समय तक मोबाइल पर बात करने से, बीमारियों के होने का खतरा रहता है। ऐसा आज तक आप खबरों में सुनते आएं हैं लेकिन इन खबरों के विपरीत अब आप मोबाइल से धड़ल्ले से करें बात क्योंकि हाल ही में हुए शोधों ने इन सब खबरों को गलत साबित कर दिया है। आइए जानें क्यों और कैसे मोबाइल से नहीं होता कैंसर।
- आप जब भी मोबाइल पर बात करते हैं तो आए दिन आने वाली खबरों से कहीं न कहीं आपके मन में शंका जरूर रहती है कि ज्यादा बात करने से कहीं आपको कैंसर न हो जाए, कहीं आप मस्तिष्क कैंसर का शिकार न हो जाओ, लेकिन अब घबराने की बात नहीं है क्योंकि अब आप आराम से बिना किसी डर के फोन पर बात करें। लंबे समय तक बात करने वाले लोगों के लिए इससे बड़ी खुशखबरी और क्या होगी कि मोबाइल से किसी तरह का स्वास्थ्य संबंधित खतरा नहीं होता।
- हाल ही में हुए शोधों में यह पाया गया है कि अब तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला हैं कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों को कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है और न ही अब तक ऐसा कहीं पाया गया कि मोबाइल उपकरण या मोबाइल फोन से किसी तरह का कैंसर होता है। न ही ऐसा कोई केस सामने आया है जिससे कहा जा सके कि व्यक्ति मोबाइल पर अधिक बात करने से कैंसर से ग्रसित हुआ है।
- वास्तविक्ता यह है कि विद्युत उपकरण से निकलने वाला विकिरण बहुत सूक्ष्म प्रकृति का होता है, इसीलिए कैंसर होना संभव नहीं है।
- वैज्ञानिकों का भी मानना है कि मोबाइल के इस्तेमाल से कैंसर को जोड़कर अनावश्यक डर पैदा करना लोगों के दिमाग की उपज है। इतना ही नहीं मोबाइल टावरों से भी कोई कैंसर नहीं होता।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि इलेक्ट्रानिक उपकरण कैंसर का कारण है, यह बात आज तक साबित नहीं हो पाई है और वैसे भी विद्युत के आदान-प्रदान से पैदा होने वाला विकिरण बहुत सूक्ष्म प्रकृति का होता है। इसीलिए इस विकिरण से आसपास के लोगों या इनके नजदीक रहने वालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
- मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल और ब्रेन कैंसर के बीच संबंध को लेकर कई शोध हो चुके हैं। ज्यादातर के नतीजे यही रहे हैं कि ज्यादा मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन हाल ही में आए नए शोध इस बात को सिरे से खारिज करते हैं।
- मोबाइल हैंडसेट भी ब्रेन कैंसर का कारण नहीं होते और न ही दोनों का आपस में कोई रिश्ता है। हालांकि वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि ब्रेन कैंसर का कारण कोई और हो सकता है और ऐसे व्यक्ति को अधिक मोबाइल पर बात करने में सावधानी बरतनी चाहिए।
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