Colorectal Cancer: क्या नौजवानों में कोलोरेक्टल कैंसर (पेट का कैंसर) का अधिक खतरा होता है, जानिए

Colorectal Cancer: कहीं आपको कोलोरेक्टल कैंसर तो नहीं? आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी कुछ खास बातें।
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Colorectal Cancer: क्या नौजवानों में कोलोरेक्टल कैंसर (पेट का कैंसर) का अधिक खतरा होता है, जानिए

वे लोग जिनकी उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक है उनमें कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना रहती है। लेकिन नए शोधों से पता चला है कि यह कैंसर कम उम्र के लोगों में अब तेजी से फैल रहा है। हालांकि कैंसर रेट पहले के मुकाबले कम है। लेकिन कम उम्र के लोगों में इस कैंसर की बिमारी का प्रतिशत अनुपात बढ़ा है।

अन्य कैंसर के मुकाबले कोलोरेक्टल कैंसर तीसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर व इस बिमारी से होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण है। जिस तेजी से यह कैंसर कम उम्र के व्यक्तियों में बढ़ रहा है, एक अनुमान के अनुसार अगले 10 वर्षों में यह कैंसर और भी कम उम्र के व्यक्तियों में मिल सकता है।

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कोलोरेक्टल कैंसर का कारण

सभी एक्सप्रेस के बीच में कोलोरेक्टल कैंसर एक चर्चा और चिंता का विषय बना हुआ है और इसके लिए बेहद जरूरी है कि इसके बढ़ने का सही कारण पता होना। चिकित्सकों का मानना है कि यह  वंशानुगत कैंसर भी हो सकता है। यानी परिवार के किसी सदस्य को कोलोरेक्टल कैंसर है तो वह दूसरी पीढ़ी में भी हो सकता है। 

कोलोरेक्टल कैंसर अन्य कारणों से किसी को भी हो सकता है। जरूरी नहीं कि परिवार में किसी सदस्य के होने पर ही हो। लेकिन जरूरी है सही जानकारी होना। इसलिए इससे बचाव ही इसका उपाय है। बेहद जरूरी है कि सतर्क और जागरूक रहना। किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना।

कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण

बिना डायटिंग के वजन घटना

यदि आपकी भूख कम होती जा रही है और आपका वजन दिन प्रति दिन कम हो रहा है। तो आपको सचेत हो जाना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। या पेट में ऐठन रहना।

जल्दी जल्दी थकना

आप इस बीमारी से पीड़ित होंगे तो आपको बिना काम करें भी थकान महसूस होगी और आप हर समय निढाल पड़े रहेंगे।

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स्टैमिना कम होना

यदि आपको जल्दी-जल्दी कोई बीमारी घेर रही है या शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है या फिर जल्दी जल्दी बुखार आ रहा है। तो तुरंत चेकअप करवाएं।

रेक्टल ब्लीडिंग होना

कैंसर होने पर यदि दस्त हो रहे हैं या उस के साथ खून आ रहा है या ब्लड का रंग बदला हुआ है तो भी इस रोग की संभावना है।

कमर दर्द

यदि आपको बेवजह शरीर में या कमर में दर्द होता है जो भी हो सकता है कि आप को कोलोरेक्‍टल कैंसर हो। इसके अलावा आपको हर समय बेचैनी भी महसूस हो सकती है।

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खाने की आदतों में बदलाव

यदि अचानक से आपके खाने-पीने की आदतों में बदलाव आने लग जाए। खाते समय भूख ना लगे, लेकिन खाना खाने के बाद भूख महसूस हो तो, समझ जाएं कि कोई गंभीर समस्या है।

मल के रंग में परिवर्तन

कोलोरेक्टल कैंसर होने पर मल का रंग कभी लाल होता है तो कभी काला। इस तरह से बार-बार रंग परिवर्तन देखने को मिले तो ये इस गंभीर बिमारी की ओर संकेत करते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर बढ़ने से रोका जा सकता है बस जरूरी है समय-समय पर होने वाले बदलावों की ओर ध्यान व उपचार।

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