विश्व दृष्टि दिवस पूरे विश्व में अक्टूरबर महीने के पहले बृहस्पतिवार को डब्लूएचओ द्वारा निर्धारित किया गया है। इस दिवस का ध्येय है, आंखों की बीमारियों और समस्याओं को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना ।
डब्लू एच ओ द्वारा पारित 'राइट टू साइट' वैश्विक तौर पर अंधेपन को रोकने का और इस विषय में जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है।
हालांकि ऐसे बहुत से सरकारी और गैर सरकारी संस्थान हैं, जो शहरों और गांवों में लोगों को आंखों की समस्याओं से लेकर नेत्र जागरूकता के लिए प्रेरित करते रहे हैं। जगह-जगह पर आंखों की चिकित्सा और जांच शिविर भी लगाये जाते है।
इसके बावजूद आंखों की बीमारियों की संख्या विश्व भर की जनसंख्या के साथ-साथ तेज़ी से बढ़ रही हैं।
डब्लू एच ओ के अनुसार-
• आज लगभग पूरे विश्व में 287 मीलियन जनसंख्या अंधेपन की शिकार हो रही है।
• विकासशील देशों में आंखों की समस्याओं से परेशान लोगों की संख्या लगभग नब्बे प्रतिशत है।
• साठ वर्ष की उम्र से अधिक उम्र के लोगों में लगभग 65 प्रतिशत लोगों में आंखो की समस्याएं देखने को मिलती हैं ।
• बच्चों की बात करें, तो लगभग 19 प्रतिशत बच्चों में आंखों की समस्यालएं हो रही हैं।
आज जहां उम्र के साथ आंखों की बीमारियों में वृद्धि हुई है, वहीं बच्चों में भी ऐसी समस्याओं की संख्या बढ़ी है। अधिक उम्र में होने वाली आंखों की समस्याएं हैं ग्लाउकोमा, कैटरैक्ट आदि और ज्यादातर स्थानों पर इनका ईलाज आसानी से उपलब्ध है।
हमारी आंखें अनमोल हैं और इनसे हम यह खूबसूरत दुनिया देखते हैं, लेकिन आंखों के प्रति हमारी थोड़ी सी भी लापरवाही हमें अंधेपन का शिकार भी बना सकती है। हममें से बहुत से ऐसे लोग हैं, जो आंखों की समस्याओं के शुरूआती लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं और धीरे-धीरे उनमें यह समस्याएं गंभीर रूप ले लेती है। आंखों की देखभाल को भी प्राथमिकता दें।