
साबुत अनाज यानी सेहत का खजाना। हालांकि लोग आजकल की लाइफस्टाइल में साबुत अनाज को खाने में शामिल करने से किनारा करने लगे हैं। इसका सेवन बहुत ही गुणकारी होता है।बड़े बुजुर्ग भोजन में साबुत अनाज को शामिल करने की सलाह ऐसे ही नहीं देते। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों के साथ ही विटामिन्स होते हैं। इसके सेवन से आपका बेहतर शरीरिक विकास तो होता ही है, साथ ही आप स्वस्थ भी रहते हैं। साबुत अनाज में रेशेदार बाहरी सतह और पोषकता से भरपूर बीज शामिल होते हैं। इसका एक विकल्प गेहूं का दलिया भी हो सकता है।
डॉक्टर अक्सर रोगियों को साबुत अनाज खाने की सलाह देते हैं। अनाज के सेवन से मधुमेह जैसी घातक बीमारी के साथ ही कई गंभीर रोगों से बचाव होता है। इसके इस्तेमाल से कोरोनरी धमनी रोग, पेट का कैंसर और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी कम होती हैं। इस लेख के जरिये हम आपको बताते हैं कि किस तरह साबुत अनाज का सेवन आपके लिए फायदेमंद होता है।
मधुमेह की आशंका कम
चिकित्सकों के मुताबिक जो व्यक्ति फाइबर युक्त साबुत अनाज का सेवन करते हैं उन्हें डायबिटीज होने की आशंका ना के बराबर होती है। भोजन में साबुत अनाज शामिल करने से टाइप 2 डायबिटीज के कारक मेटाबोलिक सिंड्रोम के होने का खतरा कम रहता है। इसके साथ ही साबुत अनाज से शरीर में इन्सुलिन की सेंस्टिविटी बेहतर रहती है।
सेहत से भरपूर
साबुत अनाज में भरपूर पोषण होता है और यह सेहत के लिए बहुत ही लाभाकारी होता है। साबुत अनाज के भूसी एवं बीज से विटामिन ई, विटामिन बी और अन्य पोषक तत्व जैसे जस्ता, सेलेनियम, तांबा, लौह, मैग्नीज एवं मैग्नीशियम आदि प्राप्त होते हैं।
प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट
साबुत अनाज में कार्बोहाइड्रेट का भंडार होता है जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। अनाज का सेवन करने वाले लोगों को कोरोनरी धमनी रोग, पेट का कैंसर और उच्च रक्तचाप जैसी समस्या होने का खतरा कम रहता है। इसके साथ ही इनमें रेशा भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
गैस से राहत
साबुत अनाज में पाए जाने वाले फाइबर के अंश पेट में गैस बनने की प्रक्रिया को कम करते हैं। पेट को दुरुस्त रखने के साथ ही साबुत अनाज का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसके सेवन से पेट में स्थिरता का अहसास होता है और ये शारीरिक वजन को कम करने में सहायक होते हैं।
वजन कम रखने में कारगर
जो व्यक्ति अपने खाने में साबुत अनाज का इस्तेमाल करते हैं उनका वजन नियंत्रित रहता है। कम वजन रहने से व्यक्ति का बहुत सी बीमारियों से बचाव होता है। मानव शरीर में अधिकतर रोगों का कारण अनियंत्रित वजन होता है।
गेहूं में फाइबर और विटामिन बी कॉमप्लेक्स होता है। गेहूं की रोटी खाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। साबुत वीट ब्रेड, रोटी या गेहूं के आटे से बना कोई भी व्यंजन शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। बाजरा खाने से एनीमिया से बचाव होता है। इसके साथ ही बाजरा खून भी बढ़ाता है। जौ लीवर के लिये बहुत ही फायदेमंद होते हैं। जौ खून में पाए जाने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्रइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है और हृदय रोगों से शरीर को बचाता है।
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