टंग टाई की समस्या जिसे एनकाइलोग्लोसिया के नाम से भी जानते हैं, यह कुछ बच्चों के मुंह में जन्म के साथ होने वाली विकृति है। इस समस्या में बच्चे की जीभ की निचली सतह को मुंह के निचले भाग से जोडऩे वाले तांतुनुमा फ्रेनुलम के असामान्य रूप से मोटा, छोटा और कड़ा होता है। इससे जीभ पूरी तरह गति नहीं करती व कुछ मामलों में पूरी बाहर नहीं आ पाती।
टंग टाई एक जन्म दोष है जो 4-11 प्रतिशत नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है। यह लड़कियों की तुलना में लड़कों में अधिक आम होता है। आमतौर पर जीभ मुंह के किनारे से जुड़ा त्वचा का एक शिथिल हिस्सा है जिसे बहुभाषी बंध के नाम से जानते हैं। टंग टाई की समस्या वाले बच्चों में, त्वचा का यह हिस्सा असामान्य रूप से कम और तंग होता है, जिससे जीभ की मूवमेंट में समस्या होती है। टंग टाई की समस्या होने पर कुछ अक्षर जैसे र, ट, ड, ल आदि को बोलने में दिक्कत आ सकती है।
टंग टाई का असर
इस समस्या का दुष्प्रभाव बच्चों में कम या ज्यादा अलग-अलग होता है। कुछ बच्चों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वहीं दूसरी तरफ इस समस्या के चलते कुछ बच्चों में बोलने और खाने या निगलने में समस्या होती है। इसके अलावा कई बार इस समस्या के चलते बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग में समस्या होती है क्योंकि बच्चा मां के स्तन को ठीक से मुंह में नहीं ले पाता। वहीं जीभ की पूरी तरह मूवमेंट न होने से ओरल हाइजीन यानी दांतों व मसूड़ों की ठीक से सफाई नहीं हो पाती। अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाने को लेकर चिंतित है और आपको लगता है कि ये टंग टाई की समस्या है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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टंग टाई का इलाज
अगर इस समस्या से आपके बच्चे को किसी भी तरह की कोई खास समस्या नहीं हो रही है तो विशेष इलाज की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन यदि बच्चे को खाने और बोलने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें। छोटे बच्चों में इस तांतु को काट कर, इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन उम्र अधिक होने या यह तांतु ज्यादा मोटा होने पर इसे सर्जरी से ठीक किया जाता है।
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Image Source : dentagama.com
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