पियर्सिंग एक पारंपरिक तरीका है जिसमें शरीर पर किसी भी जगह पर त्वचा में छेद कर ज्वैलरी पहनने लायक बनाया जाता है। इयरलोब और नाक की पियर्सिंग बहुत कॉमन है जबकि दूसरे हिस्से जैसे आईब्रो, होंठ, जीभ और अन्य अनेक हिस्सों की पियर्सिंग कराने का चलन इन दिनों बना हुआ है। किसी अन्य बॉडी मॉडिफिकेशन प्रॉसेस की तरह ही पियर्सिंग के साथ भी कुछ जोखिम जुड़े हुए हैं और इससे कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
कैसे होती है पिर्यसिंग
ज़्यादातर मामलों में पियर्सिंग को बिना किसी एनेस्थेसिया के पियर्सिंग गन या स्टैंडर्ड नीडिल से किया जाता है। एक इयर-पियर्सिंग डिवाइस या गन जो केवल एक बार उपयोग के लिये होती है इसमें एक इयररिंग स्टड होता है जो कान की लब में इयररिंग को तेजी से प्रवेश करा देता है। स्टैंडर्ड नीडिल विधि में एक खोखली मेडिकल नीडिल प्रयोग की जाती है जो त्वचा पर किसी भी बॉडी पार्ट को खोल देती है जहां पियर्सिंग की जानी है। इसके बाद उस छेद में ज्वैलरी पहनाई जाती है।
कहां से हुई शुरुआत
पिर्यसिंग की शुरुआत कहां से हुई इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन, दुनिया की कई सभ्यताओं में लोग पिर्यसिंग करवाते रहे हैं। अगर ऐतिहासिक तौर पर भी इसकी बात करें तो इसके तार प्रागैतिहासिक काल से जुड़े हुए हैं।
दुनिया भर मे करवाते हैं पिर्यसिंग
दुनिया भर में लोग अपने शरीर के अलग-अलग अंगों में पिर्यसिंग करवाते हैं। लेकिन, कान और नाक छिदवाना ही सबसे अधिक चलन में है। हालांकि कुछ लोग, होंठ, भौहें, जीभ और नाभि आदि में भी पिर्यसिंग करवाते हैं। पिर्यसिंग करवाने के लिए आपको अधिक जद्दोजेहद नहीं करनी पड़ती। यह कई शॉपिंग मॉल और दुकानों पर आसानी से हो जाती है। इसके साथ ही कुछ लोग घर-घर घूमकर भी पिर्यसिंग करते हैं। अब तो कुछ ब्यूटी विशेषज्ञ और डॉक्टर भी पिर्यसिंग के धंधे में कूद गए हैं।
आमतौर पर सुरक्षित
पिर्यसिंग को आमतौर पर शरीर के लिए सुरक्षित माना जाता है। बशर्ते इसमें साफ-सफाई और सुरक्षा का पूरा खयाल रखा गया हो। जैसे, जीवाणु रहित और एक ही बार इस्तेमाल की गयी सुई। जीभ, स्तन और जननांगों आदि संवेदनशील अंगों पर पिर्यसिंग करवाने से नसों और अनचाहे में उत्तकों को नुकसान होने की आशंका अधिक होती है।
पुरुषों को भी शौक
पिर्यसिंग केवल महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों में भी काफी सामान्य है। दुनिया भर के देशों में पुरुष न केवल फैशन, बल्कि परंपराओं के कारण भी कान छिदवाते हैं।
पिर्यसिंग करवाने से पहले आपको इस्तेमाल किये जाने वाले उत्पादों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। इसके साथ ही यदि आप पिर्यसिंग करवाने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें, तो बेहतर होगा।